Advertisement

एक गांव ऐसा जहां हर घर में है एक खिलाड़ी!

खिलाड़ियों को बेहतर सुविधा मुहैया कराने और उनका हुनर निखारने के लिए यहां ग्राम समग्र विकास योजना के तहत 31 लाख रुपये की लागत से मिनी स्टेडियम बनाया गया है.

प्रतीकात्मक फोटो. प्रतीकात्मक फोटो.
अभि‍षेक आनंद
  • नई दिल्ली,
  • 30 अप्रैल 2017,
  • अपडेटेड 1:52 PM IST

छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिला मुख्यालय से महज 12 किलोमीटर दूर पुरई, खेल गांव के रूप में मशहूर है. यहां से निकले खिलाड़ियों ने जिले के बाद प्रदेश और देश में भी गांव का नाम रोशन किया है. गांव का एक खिलाड़ी तो अंतर्राष्ट्रीय खो-खो मैच में भारत का प्रतिनिधित्व भी कर चुका है.

खेलों की बदौलत यहां के करीब 40 युवा पुलिस, सेना और व्यायाम शिक्षक की नौकरियों में हैं. हमर छत्तीसगढ़ योजना के तहत रायपुर भ्रमण पर आए सरपंच सुखित यादव ने बताया कि गांव के हर घर में अमूमन एक खिलाड़ी है. उन्होंने कहा कि गांव में खुला मैदान तो था, लेकिन अभ्यास के दौरान वहां आने-जाने वालों की वजह से असुविधा होती थी और खेल में व्यवधान भी पड़ता था.

Advertisement

31 लाख रुपये में बना स्टेडियम
मिनी स्टेडियम बन जाने से खिलाड़ी अब अपना पूरा ध्यान खेल पर लगा सकेंगे. खिलाड़ियों को बेहतर सुविधा मुहैया कराने और उनका हुनर निखारने के लिए यहां ग्राम समग्र विकास योजना के तहत 31 लाख रुपये की लागत से मिनी स्टेडियम बनाया गया है.

पुरई के सरपंच यादव बताते हैं कि खेलों के कारण गांव में लोग स्वास्थ्य और स्वच्छता के प्रति जागरूक हैं. इससे यहां स्वच्छ भारत मिशन के कार्यों को भी अच्छी गति मिली है. खेलों के साथ ही यहां के अभिभावक शिक्षा और बच्चों के कौशल विकास को लेकर भी खासतौर से जागरुक हैं.

यादव ने कहा कि करीब चार एकड़ क्षेत्र में फैले इस स्टेडियम में अब अनेक खेल आयोजनों के साथ ही गांव के खिलाड़ी बिना किसी व्यवधान के अभ्यास कर सकेंगे.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement