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विषम परिस्थितियों में भी लड़कियों ने लगातार अपनी प्रतिभा का जलवा हर फील्ड में दिखाया है. इन्हीं विषम परिस्थितियों से निकलकर सफलता पाने की मिसाल बन गई हैं नेहा वत्स.
यूपी के मथुरा की ताइक्वांडो चैंपियन नेहा की कहानी उन महिलाओं के लिए एक प्रेरणा है जो शादी के बाद यह मान लेती हैं कि उनका करियर ही खत्म हो गया है. नेहा ने न सिर्फ शादी के बाद पढाई की बल्कि अपनी मेहनत के दम पर नेशनल ताइक्वांडो प्रतियोगिया में गोल्ड मेडल भी हासिल किया.
हाल ही में मुंबई में हुई नेशनल ताइक्वांडो प्रतियोगिता में नेहा ने हरियाणा की तरफ से खेलते हुए गोल्ड और सिल्वर मेडल जीता है. नेहा आगे बढ़ने की प्रेरणा झांसी की रानी लक्ष्मीबाई से लेती हैं. वह कहती हैं, 'शुरू से मेरे मन में था कि मैं कुछ अलग करके दिखाऊं और इसके लिए मैं लगातार मेहनत भी करती रही.' अपने प्रेरणा और कड़ी मेहनत के कारण ही नेहा जब मैदान में उतरती हैं तो अच्छे-अच्छों को पसीने छुड़ा देती हैं.
जब लगातार करनी पड़ी मेहनत और पढ़ाई:
हरियाणा के गांव सरभथला की रहने वालीं नेहा की शादी 2011 में मथुरा के अजीजपुर गांव के अजीत से हुई थी. मायके में रहते हुए नेहा ने ताइक्वांडो में कई प्रतियोगिता जीती थीं. शादी के बाद नेहा घर के कामकाज में फंस गईं. लेकिन उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी और एमकॉम किया. जब बच्चे बड़े हुए और स्कूल जाने लगे तो उन्होंने दोबारा इसकी प्रैक्टिस शुरू की. वह बताती हैं कि उनकी प्रैक्टिस में परिवार वालों ने काफी मदद की है.
ससुराल में है जश्न का माहौल, हर कोई कर रहा तारीफ:
नेहा के ससुर आपनी बहू की तारीफ करते नहीं थक रहे हैं. उन्होंने कहा कि मेरी बहू ने पूरे गांव का नाम रोशन कर दिया है. गांव वालों ने भी मेडल जीतकर वापस आने के बाद उनका स्वागत ढोल नगाड़ों के साथ किया है. उनके कोच भी उनकी तारीफ कर रहे हैं.