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वैज्ञानिकों ने एमआरआई (मैग्नेटिक रिजोनेंस इमेजिंग) को बहुरंगी बनाने का तरीका विकसित कर लिया है, जिससे बीमारियों की पहचान में मदद मिल सकती है.
MRI की मौजूदा तकनीकों में एकमात्र कंट्रास्ट एजेंट का इस्तेमाल किया जाता है, जिसे मरीज की नसों में तस्वीरें लेने के लिए भेजा जाता है. नई तरकीब में एक साथ दो एजेंटों का इस्तेमाल किया जाता है.
इससे डॉक्टर एक ही MRI में किसी मरीज के आंतरिक अंगों के कई गुणों का पता लगा सकते हैं.
अमेरिका के केस वेस्टर्न रिजर्व यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन में एसोसिएट प्रोफेसर किरुस फ्लास्क ने कहा, हमने जिस तरीके को तैयार किया है, वह पहली बार एमआरआई के दो अलग-अलग कंट्रास्ट एजेंटों का एकसाथ पता लगाने की सुविधा देता है. उदाहरण के लिए, दो कंट्रास्ट एजेंट में से एक बीमार उत्तक को लक्षित कर सकता है और दूसरा यह दिखा सकता है कि कोई अन्य उत्तक कितना स्वस्थ है.