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रक्षा मंत्रालय ने गैर विभागों में लगे करीब 57 हजार जवानों की पुनः तैनाती का फैसला किया है. रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि सेना में आंतरिक सुधारों की जरुरत है. अभी कई जवान आदिम यूनिट्स के कामों में फंसे हैं. इसीलिए मिलिट्री फार्म जैसे यूनिट्स को बंद किया जाएगा.
इसके अलावा ऑर्डिनेंस, सिग्नल्स और इंजीनियरिंग विभागों को पुनः व्यवस्थित करने का फैसला मंत्रालय ने किया है. सिग्नल रेजिमेंट को टेक्निकल इंटेलिजेंस जैसे टास्क की हैंडलिंग दी जाएगी. जबकि आर्डिनेंस यूनिट गाड़ियों के रिपेयर और मेंटेनेंस यूनिट पर काम करेगी.
रक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार ने शेकटकर कमिटी की ओर से की गई 99 सिफारिशों में से 65 पर अमल करने का आदेश दिया है. कमिटी ने बताए 'स्ट्रक्चरल' बदलाव को जल्द लागू किया जाएगा. बता दें कि 2016 में तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने (रिटायर्ड) लेफ्टिनेंट जनरल डी बी शेकटकर के नेतृत्व इस कमिटी का गठन किया था. इस कमिटी ने ही सेना में 'स्ट्रक्चरल' बदलाव कर राजस्व खर्च कम करने का सुझाव दिया था.
हथियार खरीदने होगा रिफार्म से बचे फंड्स का इस्तेमाल
भारतीय सेना को रिस्ट्रक्चर करने पर लम्बे समय से बहस चल रही है. बता दें कि सेना का 20 प्रतिशत से कम बजट ही नए हथियार खरीदने में खर्च होता है. बजट में से एक बड़ा हिस्सा हर साल केवल सेना के मेंटेनेस पर इस्तेमाल हो जाता है. यदि सेना की रिस्ट्रक्चरिंग कारगर साबित होती है तो इससे बचने वाले फंड्स का इस्तेमाल ट्रेनिंग और हथियार खरीदने में किया जा सकता है.