
भारत में सरकारी नौकरी पाना आसान काम नहीं है. इसे देखते हुए ही शायद लोगों ने यह कहना शुरू कर दिया कि खोजने से भगवान भी मिल जाते हैं, लेकिन नौकरी नहीं मिलती. अगर बात देश की सबसे बड़ी परीक्षा सिविल सर्विस का हो तो इसके बारे में और भी कई तरह की बातें कही जाती हैं.
सिविल सर्विस की प्रारंभिक परीक्षा 23 अगस्त को आयोजित होने वाली है. उसके ठीक दो दिन पहले नवाजुद्दीन सिद्दीकी अभिनीत फिल्म 'मांझी- द माउंटेन मैन' आ रही है. यह फिल्म पहाड़ तोड़ने वाले दशरथ मांझी के जीवन पर बनी है.
इस फिल्म के डायलॉग से ये सीख ले सकते हैं स्टूडेंट्स:
1. बहुत अकड़ है तोहरा में, देख कैसे उखाड़ते हैं अकड़ तेरी: यह डायलॉग तो सिविल सर्विस की तैयारी करने वाले हर स्टूडेंट्स की फेवरेट होना चाहिए. काफी मेहनत के बाद जब आप उस स्तर पर पहुंच जाएंगे, जहां आप आसानी से सवाल हल करने लगेंगे, वहां आप इस डायलॉग का इस्तेमाल करने लगेंगे.
2. जब तक तोड़ेंगे नहीं, तब तक छोड़ेंगे नहीं, बहुतै बड़ा दंगल चलेगा रे तोहर हमार: इस परीक्षा में सफलता हासिल करने के लिए स्टूडेंट्स को कई साल लग जाते हैं. इसलिए यह डायलॉग हमेशा आपके हौसले को बढ़ाता रहेगा.
3. लोग कहता है हम पागल हैं जिंदगी खराब कर रहा है: परीक्षा की तैयारी के सालों में कई ऐसे मौके आएंगे जब आपको लोग तैयारी छोड़, दूसरी नौकरी करने की सलाह देंगे. इस स्थिति में वही सुनें जो आपका दिल कहता हो. जिंदगी खराब करना या अच्छा बनाना सिर्फ आपके हाथों में है.
4. पहाड़ तोड़े से भी मुश्किल है का: चलिए अखबार निकालना कठिन है या आसान, इसका फैसला तो अखबार निकालने वाले करते रहेंगे. आप सोचिए कि सिविल सर्विस पास करना पहाड़ तोड़ने से ज्यादा कठिन है या नहीं.
5. भगवान के भरोसे मत बैठिए, का पता भगवान हमरे भरोसे बैठा हो: इस डायलॉग को आप एक सलाह की तरह ले सकते हैं. ज्यादातर स्टूडेंट्स अपनी विफलता के लिए भगवान को कोसने लगते हैं या यह कहना शुरू कर देते हैं कि सब भगवान भरोसे है. भगवान चाहेगा तो नौकरी लग ही जाएगी. इन तर्कों से बाहर निकलिए और यह सोचिए कि क्या पता इस नौकरी को ही आपका इंतजार हो.