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बराक ओबामा ने चेताया- ‘मूर्ख’ ISIS चला सकता है परमाणु हथियार

ओबामा ने कहा कि आईएसआईस समूह रसायनिक हथियारों का इस्तेमाल पहले ही सीरिया और इराक में कर चुका है. इसमें मस्टर्ड गैस भी शामिल है. उन्होंने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं कि इन मूर्ख लोगों के हाथ में एक परमाणु बम या परमाणु सामग्री लग गई तो वे निश्चित तौर पर उसका इस्तेमाल अधिक से अधिक बेगुनाह लोगों को मारने के लिए करेंगे.

ओबामा ने परमाणु हथियार की सुरक्षा पर चिंता जताई ओबामा ने परमाणु हथियार की सुरक्षा पर चिंता जताई
केशव कुमार
  • वाशिंगटन,
  • 02 अप्रैल 2016,
  • अपडेटेड 7:40 PM IST

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने वैश्विक परमाणु सुरक्षा शिखर बैठक में कहा कि इस्लामिक स्टेट के ‘मूर्ख लोग’ और अन्य अतिवादियों को परमाणु हथियार प्राप्त करने से रोकने के लिए और मदद की जरूरत है. आतंकवादियों द्वारा परमाणु सामग्री का इस्तेमाल एक ‘डर्टी बम’ में करने या एक परमाणु हथियार प्राप्त करने का खतरा सम्मेलन में छाया रहा. खास तौर पर इस खुलासे के मद्देनजर, कि आईएस सदस्यों ने बेल्जियम के एक परमाणु वैज्ञानिक की वीडियो बनाई थी.

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परमाणु हथियार का गलत इस्तेमाल करेंगे मूर्ख लोग
ओबामा ने कहा कि आईएसआईस समूह रसायनिक हथियारों का इस्तेमाल पहले ही सीरिया और इराक में कर चुका है. इसमें मस्टर्ड गैस भी शामिल है. उन्होंने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं कि इन मूर्ख लोगों के हाथ में एक परमाणु बम या परमाणु सामग्री लग गई तो वे निश्चित तौर पर उसका इस्तेमाल अधिक से अधिक बेगुनाह लोगों को मारने के लिए करेंगे. सम्मेलन में विश्व के बड़ी संख्या में नेताओं ने हिस्सा लिया. सम्मेलन का जोर परमाणु सामग्री के वैश्विक जखीरे को सुरक्षित करना है. इसमें से काफी हिस्से का इस्तेमाल चिकित्सकीय एवं उर्जा उद्योग में होता है.

उचित सुरक्षा बिना हैं परमाणु हथियार
ओबामा ने कहा कि करीब दो हजार टन विखंडनीय सामानों के अंबार विश्व में असैन्य और सैन्य प्रतिष्ठानों में हैं जिसमें से कुछ उचित सुरक्षा के बिना हैं. उन्होंने कहा कि प्लूटोनियम का एक छोटा सा हिस्सा, करीब एक सेब के आकार से हजारों बेगुनाह व्यक्तियों की हत्या की जा सकती है और उन्हें घायल किया जा सकता है.

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दशकों तक रहेगा वैश्विक असर
ओबामा ने कहा वह एक मानवीय, राजनीतिक, आर्थिक और पर्यावरणीय तबाही होगी जिसके वैश्विक प्रभाव दशकों तक रहेंगे. परमाणु सुरक्षा सम्मेलन का आयोजन पेरिस और ब्रसेल्स में हमलों के बाद हो रहा है जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए थे. सम्मेलन का मुख्य जोर विखंडनीय पदार्थ के जखीरे पर है लेकिन अन्य परमाणु चिंताओं ने भी ध्यान आकर्षित किया है. इसमें उत्तर कोरिया और उसके यहां लगातार हो रहे परमाणु उपकरण एवं बैलैस्टिक मिसाइलों का परीक्षण करना शामिल है.

पूर्वी एशिया के नेताओं से उत्तरी कोरिया पर बात
सम्मेलन की शुरुआत गुरुवार को हुई थी जिसमें ओबामा ने पूर्वी एशियाई नेताओं के बीच इस बात को लेकर आम सहमति बनाने का प्रयास किया था कि उत्तर कोरिया पर कैसे प्रतिक्रिया जताई जाए. ओबामा ने जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे और दक्षिण कोरिया की राष्ट्रपति पार्क गुएन हाई से मुलाकात के बाद कहा कि हम उत्तर कोरिया के उकसावे के खिलाफ बचाव को लेकर अपने प्रयासों पर एकजुट हैं.

शी जिंगपिंग से मिलकर ओबामा ने जताई चिंता
ओबामा ने इस सम्मेलन का इस्तेमाल चीन के राष्ट्रपति शी जिंगपिंग से बात करने के लिए किया. अमेरिकी अधिकारियों ने इस बात को लेकर चिंता व्यक्त की है कि दक्षिण चीन सागर में चीन के कदम शी के उस संकल्प के उलट हैं जो उन्होंने बीते साल व्हाइट हाउस में लिया था जिसमें उन्होंने उस क्षेत्र में सैन्यकरण को आगे नहीं बढ़ाने की बात कही थी.

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