
भीमा-कोरेगांव केस में नक्सल विचारकों की गिरफ्तारी पर जमकर बवाल हो रहा है. मामला हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है. इस मामले में मंगलवार को दिल्ली के करीब फरीदाबाद में बदरपुर बॉर्डर सामाजिक कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज को भी गिरफ्तार किया गया था. इस गिरफ्तारी के खिलाफ पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में अपील की गई, जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सुधा को उनके घर में रखे जाने का आदेश दिया.
कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए हरियाणा पुलिस ने फरीदाबाद में ही सुधा भारद्वाज को उनके घर पर ही नजरबंद किया है. फरीदाबाद एनआईटी डीसीपी ने बताया कि सुधा भारद्वाज फिलहाल उनके संरक्षण हैं और कल (गुरुवार) उन्हें हाई कोर्ट में पेश किया जाएगा.
बता दें कि जस्टिस अरविन्द सिंह सांगवान ने देर रात अपने घर पर ही इस मामले की सुनवाई करते हुए यह आदेश जारी किया था. सुधा भारद्वाज की गिरफ्तारी केखिलाफ उनके करीबी मित्र अंकित ग्रेवाल ने अवैध हिरासत में रखे जाने के खिलाफ हाई कोर्ट में देर शाम याचिका दायर कर की थी. अंकित ने इस मामले को अति महत्वपूर्ण बताते हुए तत्काल सुनवाई की मांग की, जिसके बाद जस्टिस अरविन्द सांगवान ने उनकी मांग को स्वीकार करते हुए अपने घर पर ही सुनवाई की.
जस्टिस सांगवान ने हरियाणा पुलिस को आदेश दिए हैं कि अगर सुधा भारद्वाज को फरीदाबाद के इलाका मजिस्ट्रेट/ड्यूटी मजिस्ट्रेट/चीफ जुडिशियल मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश कर ट्रांजिट रिमांड की मांग की जाये तो एफ.आई.आर. के कॉन्टेंट्स की पूरी जांच कर ही आदेश दिए जाएं. कोर्ट ने कहा कि तब तक सुधा भारद्वाज को उनके घर से जहां से उन्हें गिरफ्तार किया गया है वहीं पर सूरजकुंड पुलिस की निगरानी में रखा जाए.