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कश्मीर पर सुधींद्र कुलकर्णी ने मिलाया पाकिस्तान के सुर में सुर, कहा-मसले का सम्मानजक हल जरूरी

मुंबई में पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद महमूद कसूरी की किताब का विमोचन को लेकर आलोचनाओं और स्याही कांड का शिकार बनने वाले पूर्व बीजेपी नेता सुधींद्र कुलकर्णी इन दिनों कराची में हैं. सोमवार को उन्होंने कसूरी की किताब विमोचन कार्यक्रम में शिरकत की. इस दौरान उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत की प्रक्रिया की वकालत की.

सुधींद्र कुलकर्णी की फाइल फोटो सुधींद्र कुलकर्णी की फाइल फोटो
स्‍वपनल सोनल
  • कराची,
  • 03 नवंबर 2015,
  • अपडेटेड 11:14 PM IST

मुंबई में पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद महमूद कसूरी की किताब का विमोचन को लेकर आलोचनाओं और स्याही कांड का शिकार बनने वाले पूर्व बीजेपी नेता सुधींद्र कुलकर्णी इन दिनों कराची में हैं. सोमवार को उन्होंने कसूरी की किताब विमोचन कार्यक्रम में शिरकत की. इस दौरान उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत की प्रक्रिया की वकालत की.

ऑब्जरवर रिसर्च फाउंडेशन के अध्यक्ष कुलकर्णी ने कार्यक्रम के दौरान पाकिस्तान के सुर में सुर मिलाते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच बातचीत में कश्मीर के मूल मुद्दे को सम्मानजनक ढंग से संबोधित किया जाना चाहिए. कराची के एक होटल में कसूरी की किताब 'नाइदर ए हॉक, नॉन ए डव' का विमोचन किया गया. इसका आयोजन ऑक्सफोर्ड यूनविर्सिटी प्रेस और द कराची काउंसिल ने किया.

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'इतिहास से सीख लेने की जरूरत'
विमोचन के मौके पर सुधींद्र कुलकर्णी ने कहा कि वह मणिशंकर अय्यर से प्रेरणा पाते हैं, जो भारत-पाक की दोस्ती के लिए बीते तीन दशकों से प्रयासरत हैं. उन्होंने कहा, 'मुझे मणि‍शंकर अय्यर से हमेशा प्रेरणा मिली है और मिलती है, जो तीन दशकों से भारत-पाकिस्तान की दोस्ती के लिए लड़ रहे हैं. उन्होंने भारत में एक मुहावरा प्रचलित किया है, जिसे मैं पूरी तरह मानता हूं. वह कहते हैं कि भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत निर्बाध और अबाधित रूप से चलनी चाहिए.'

 

कुलकर्णी ने कहा कि दोनों देशों के लोगों को खुले दिमाग के साथ विभाजन के जटिल इतिहास और अतीत को जानने और उसमें हुई गलतियों से सीखने की जरूरत है.

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