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आत्महत्या की कोशिश करने वालों को सजा नहीं सलाह की जरूरत: नरेंद्र मोदी

केंद्र सरकार द्वारा खुदकुशी की कोशिश को अपराध की श्रेणी से बाहर करने के फैसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि जो आत्महत्या की कोशिश करते हैं, उन्हें सजा नहीं बल्कि सलाह की जरूरत होती है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
aajtak.in
  • कठुआ, जम्मू-कश्मीर,
  • 13 दिसंबर 2014,
  • अपडेटेड 6:44 PM IST

केंद्र सरकार द्वारा खुदकुशी की कोशिश को अपराध की श्रेणी से बाहर करने के फैसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि जो आत्महत्या की कोशिश करते हैं, उन्हें सजा नहीं बल्कि सलाह की जरूरत होती है. स्थानीय बीजेपी उम्मीदवार के पक्ष में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, ‘कोई शख्स खुदकुशी क्यों करता है? खुदकुशी करने वाले शख्स को सजा नहीं बल्कि सलाह और हमदर्दी की जरूरत होती है.’

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भारतीय दंड संहिता की धारा 309 के तहत खुदकुशी की कोशिश करने पर एक साल जेल की सजा का प्रावधान है. हालांकि, सरकार ने अब आईपीसी से धारा 309 हटाने का फैसला किया है. आईपीसी से धारा 309 को हटाने का मतलब यह है कि अब आत्महत्या की कोशिश को अपराध नहीं माना जाएगा. इस कानून को देश से खत्म करने का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘जो लोग आत्महत्या की कोशिश करते हैं, उनकी तकलीफ समझने की जरूरत है. उन्हें उनके माता-पिता, भाइयों और बहनों का परामर्श चाहिए कि उनका रास्ता सही नहीं है. खुदकुशी न करें. इससे आपकी तकलीफ कम नहीं होगी.’

उन्होंने कहा, ‘छोटी-छोटी चीजें बड़ा बदलाव लाती हैं.’ चुनाव प्रचार के सिलसिले में चौथी बार राज्य के दौरे पर आए मोदी अपनी छठी रैली को संबोधित कर रहे थे. मोदी ने कहा, ‘कोई अपराध करता है और उसे सजा मिलती है तो यह ठीक है, पर हमारे देश में कोई शख्स खुदकुशी की कोशिश में नाकाम रहने पर भी सजा पाता है. हमने इस मुद्दे को उठाया था और सभी राज्यों से चर्चा की थी.’

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भाषा से इनपुट

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