
सुनंदा पुष्कर डेथ केस में शशि थरूर की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं. कोर्ट में शशि थरूर की अग्रिम जमानत याचिका का विरोध करते हुए उनकी कस्टोडियल इंटेरोगेशन की मांग की गई है. इसका मतलब यह है कि दिल्ली पुलिस ने भले ही इस केस में पिछले महीने चार्जशीट फाइल कर दी है, लेकिन अभी भी शशि थरूर को गिरफ्तार कर सकती है.
शशि थरूर ने एक दिन पहले ही पटियाला हाउस कोर्ट में अपनी अग्रिम जमानत याचिका लगाई है. इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने शशि थरूर की अग्रिम जमानत पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. इस पर कोर्ट अपना फैसला कल सुनाएगा. थरूर के वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट को कहा कि जब भी जरूरत होगी वो जांच में सहयोग के लिए तैयार है.
कपिल सिब्बल ने कहा कि शशि थरूर पुलिस जांच में सहयोग करेंगे. पुलिस जब भी बुलाएगी वो आ जाएंगे. वो सम्मानित नेता और सांसद हैं. लिहाजा उनको अग्रिम जमानत दी जाए. दिल्ली पुलिस ने अग्रिम जमानत अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि उन्हें इस मामले में शशि थरूर के कस्टोडियल इंटेरोगेशन की जरूरत है, इसलिए जमानत न दी जाए.
इस पर कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से पूछा, 'आपको इस वक्त शशि थरूर की कस्टडी की जरूरत क्यों है, जबकि आप चार्जशीट भी दाखिल कर चुके हैं.' पटियाला हाउस कोर्ट ने शशि थरूर को 7 जुलाई को कोर्ट में पेश होने के लिए समन किया था. दिल्ली पुलिस चार्जशीट दाख़िल करके सुनंदा पुष्कर केस में उनके पति शशि थरूर को इकलौता आरोपी बनाया है.
बताते चलें कि 17 जनवरी, 2014 की रात दिल्ली के एक 5 स्टार होटल के कमरे में कांग्रेस नेता और सांसद शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर (51) मृत मिली थीं. कथित तौर पर इससे एक दिन पहले सुनंदा और पाकिस्तानी पत्रकार मेहर तरार के बीच ट्विटर पर बहस हुई थी. यह बहस शशि थरूर के साथ मेहर के कथित ‘अफेयर’ को लेकर हुई थी.
सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में शशि थरूर सहित कई व्यक्तियों से पूछताछ की जा चुकी है. दिल्ली पुलिस थरूर के घरेलू सहायक नारायण सिंह, चालक बजरंगी और दोस्त संजय दीवान का पॉलीग्राफ टेस्ट भी करवा चुकी है. यहां तक की विसरा को दोबारा जांच के लिए एफबीआइ लैब भेजा गया, फिर भी कुछ पता नहीं लग पाया था.
29 सितंबर 2014 को एम्स के मेडिकल बोर्ड ने सुनंदा के शव का पोस्टमार्टम रिपोर्ट दिल्ली पुलिस को सौंपा था. इस रिपोर्ट में कहा गया था कि सुनंदा की मौत जहर से हुई है. बोर्ड ने कहा था कि कई ऐसे रसायन हैं जो पेट में जाने या खून में मिलने के बाद जहर बन जाते हैं. लिहाजा, उनके वास्तविक रूप के बारे में पता लगाना बहुत मुश्किल होता है.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद 1 जनवरी 2015 को सरोजनी नगर थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या की धारा में मुकदमा दर्ज कर लिया गया था. इसके बाद सुनंदा के विसरा को जांच के लिए एफबीआइ लैब अमेरिका भेज दिया गया था. वहां की लैब में भी जहर के बारे में पता नहीं लग सका था. पुलिस ने फोरेंसिक साइकोलॉजी एनालिसिस टेस्ट भी कराया था.