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ट्रंप के इस फैसले से बिफरे पिचाई और जकरबर्ग, बोले- अमेरिका से दूर होगी प्रतिभा

फेसबुक सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने भी कुछ मुस्लिम बहुल देशों से आने वाले शरणार्थियों की संख्या को सख्ती से कम करने के फैसले के लिए राष्ट्रपति ट्रंप की आलोचना की है. जकरबर्ग ने कहा कि अमेरिका शरणार्थियों का देश है और उसे इसपर गर्व होना चाहिए.

राष्ट्रपति ट्रंप के फैसले का हो रहा है विरोध राष्ट्रपति ट्रंप के फैसले का हो रहा है विरोध
अनुग्रह मिश्र
  • नई दिल्ली,
  • 29 जनवरी 2017,
  • अपडेटेड 10:18 AM IST

सर्च इंजन गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ड्रंप की शरणार्थियों के प्रवाह को सीमित करने वाली नीति की आलोचना करते हुए प्रतिबंधित किए गए सात देशों के उन कर्मचारियों का वापस बुलाने का फैसला किया है जो गूगल के लिए अमेरिका से बाहर जाकर काम कर रहे थे. गूगल ने अपने कर्मचारियों को दिशा-निर्देश जारी करते हुए कहा है कि इन सात देशों से आने वाले कर्मचारी अभी अमेरिका से बाहर ना जाएं. पिचाई ने कहा कि इस नीति से अमेरिका में आने वाली बाहरी प्रतिभा पर रोक लगेगी.

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पिचाई ने गूगल कर्मचारियों को लिखे एक ई-मेल में कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप के इस फैसले से सात मुस्लिम बाहुल्य देशों से आने वाले 187 लोगों का रोजगार प्रभावित होगा. उन्होंने कहा कि इस आदेश के असर को लेकर हम दुखी हैं. गूगल के कर्मचारियों और उनके परिवार पर किसी भी तरह की रोक अमेरिका में अच्छे टैलेंट के आने पर रोक लगाएगा.

फेसबुक ने भी कया विरोध

फेसबुक सीईओ मार्क जकरबर्ग ने भी कुछ मुस्लिम बहुल देशों से आने वाले शरणार्थियों की संख्या को सख्ती से कम करने के फैसले के लिए राष्ट्रपति ट्रंप की आलोचना की है. जकरबर्ग ने कहा कि अमेरिका शरणार्थियों का देश है और उसे इसपर गर्व होना चाहिए .

जकरबर्ग ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा कि आप जैसे कई लोगों की तरह मैं भी राष्ट्रपति ट्रंप के उन शासकीय आदेशों के प्रभावों को लेकर चिंतित हूं जिन पर उन्होंने हाल ही में हस्ताक्षर किए हैं. उन्होंने लिखा कि हमें इस देश को सुरक्षित रखने की जरूरत है, लेकिन हमें ऐसा उन लोगों पर ध्यान देकर करना चाहिए जिनसे वाकई में हमें खतरा है. हमें अपने दरवाजे शरणार्थियों के लिए और ऐसे लोगों के लिए जिन्हें हमारी जरूरत है, खुले रखने चाहिए. यही हमारी पहचान है.

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फेसबुक सीईओ जकरबर्ग ने लिखा कि अगर हमने कुछ दशक पहले शरणार्थियों से मुंह फेर लिया होता तो प्रेसिलिया का परिवार आज यहां नहीं होता . जुकरबर्ग की पत्नी प्रेसिलिया का परिवार चीन और वियतनाम से आए हुए शरणार्थी हैं.

आपको बता दें कि अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को ही एक ऐसे शासकीय आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं, जो शरणार्थियों के प्रवाह को सीमित करने के लिए और चरमपंथी इस्लामी आतंकियों को अमेरिका से बाहर रखने के लिए सघन जांच के नए नियम तय करता है. इस आदेश के तहत सात मुस्लिम बाहुल्य देशों से अमेरिका आने वाले शरणार्थियों पर रोक लगाई जाएगी.

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