
धर्मेंद्र के सबसे बड़े बेटे सनी देओल का जन्म 19 अक्टूबर 1956 को हुआ था. बहुत कम लोगों को मालूम है कि सनी पाजी का वास्तविक नाम अजय सिंह देओल है. उन्हें घर में सनी के नाम से बुलाया जाता था. बाद में उन्होंने इसी नाम से फिल्मों में आने की ठानी. सनी कुल चार भाई-बहन हैं. भाई बॉबी देओल के अलावा उनकी दो बहनें विजयता और अजीता हैं.
दोनों शादीशुदा हैं और अमेरिका में रहती हैं. ईशा और आहना देओल सनी की सौतेली बहनें हैं. सनी देओल ने 1983 में 'बेताब' के जरिये बॉलीवुड डेब्यू इया था. पर्दे पर उनकी इमेज एक दिलेर नौजवान की दिखी है. आज भी उन्हें उसी रूप में याद किया जाता है. सनी ने अपने करियर में कई उम्दा फ़िल्में दी. आज जन्मदिन के मौके पर हम उनकी फिल्मों के चुनिंदा संवाद पढ़ा रहे हैं.सच में ये संवाद सनी पाजी को ही शूट करते हैं.
दामिनी : चिल्लाओ मत. नहीं तो ये केस यहीं रफा-दफा कर दूंगा. ना तारीख ना सुनवाई, सीधा इंसाफ वो भी ताबड़तोड़.
दामिनी : चड्ढा समझाओ इसे. ऐसे खिलौने बाजार में बहुत मिलते हैं. पर इनसे खेलने के लिए जो जिगर चाहिए ना वो दुनिया के किसी बाजार में नहीं मिलता. मर्द उसे लेकर पैदा होता है और जब यह ढाई किलो का हाथ किसी पे पड़ता है ना आदमी उठता नहीं उठ जाता है.
दामिनी : तारीख देने से पहले मैं कुछ अर्ज करना चाहूंगा. पहली तारीख में ये कहा गया कि दामिनी पागल है. उसे पागलखाने भेज दिया जहां उसे पागल बनाने की पूरी कोशिश की गई. दूसरी तारीख से पहले अस्पताल में पड़ी उर्मी का खून कर दिया गया और केस बना खुदकुशी का. जबकि अदालत में मैंने ये साबित कर दिया कि उर्मी ने खुदकुशी नहीं की. उसका खून हुआ और शेखर भी उस दिन सारा सच कहने ही वाला था कि चड्ढा साहब ने फिर से अपनी चाल चल दी. बीमारी का नाटक करके तारीख ले ली. नहीं तो उसी दिन माई लार्ड केस का फैसला हो जाता. और आज आप फिर से तारीख दे रहे हैं. उस तारीख से पहले सड़क पर कोई ट्रक मुझे मारकर चला जाएगा और केस बनेगा एक्सीडेंट का. आप फिर से तारीख दे देंगे. और इस तरह फिर से दामिनी को पागल बनाकर पागलखाने भेज दिया जाएगा. और इस तरह ना तो कोई सच्चाई के लिए लड़ने वाला रहेगा ना इंसाफ मांगने वाला. रह जाएगी तो सिर्फ तारीख. और यही होता रहा है मी लार्ड, तारीख. तारीख पे तारीख और तारीख पे तारीख मिलती रही है... लेकिन इंसाफ नहीं मिला. मी लार्ड इंसाफ नहीं मिला. मिली है तो सिर्फ ये तारीख.
दामिनी : और चड्ढा अगर कोर्ट में तूने कोई बदतमीजी की तो वहीं मारूंगा. जज ऑर्डर ऑर्डर करता रहेगा और तू पिटता रहेगा.
घायल : झक मारती है, उतार कर फेंक दो यह वर्दी और पहन लो बलवंत राई का पत्ता अपने गले में.
जब गुस्साए सनी ने फिल्म के सेट पर फाड़ दी जींस, ये 'खान' था वजह
जीत : पत्थरों की इस दुनिया में देवता बनना तो बहुत आसान है. इंसान बनना बहुत मुश्किल.
गदर : यह मुसलमानी है. मुसलमानी है यह. लो अब यह हो गई सिखनी. और अब किसी ने इसकी तरफ आंख भी उठाकर देखा तो वाहे गुरु दी सौ, गर्दन उखाड़ दूंगा.
गदर : किन हिन्दुस्तानियों की बात करते हो तुम लोग. सारी दुनिया जानती है हमने बंटवारे के वक्त आप लोगों को 65 करोड़ दिए थे तब जाके आपके सिर पे तिरपाल आई थी. सिर ढंकने की औकात नहीं और बंदूकों की बात करते हैं आप लोग.
अर्जुन : मैं तुम्हारे अकाउंटेंट का बेटा हूं. और यह पिटाई तुम्हारे अकाउंट में बहुत दिनों से लिखी थी.
जब सनी पाजी ने यारा ओ यारा गाने पर किया ऐसा डांस...
कहर : समंदर में मुट्ठी भर शक्कर डालने से उसका नमक कम नहीं हो जाता.
कहर : अगर किसी ने इसकी तरफ आंख उठाकर भी देखा तो उसके सारे खानदान की आंखें निकाल दूंगा.
खुदा कसम: जब मैं दुश्मन के साथ हाथ मिलाता हूं तो उसके हाथ की जीवन रेखाएं मिट जाती हैं.
इंडियन : हम गांधी जी को भी पूजते हैं और चंद्रशेखर आजाद को भी. मैं भी पहले प्यार से समझाता हूं फिर हथियार से.
बॉर्डर : वो कहते हैं सुबह का लंच जैसलमेर में करेंगे दोपहर का खाना जोधपुर में और रात का खाना दिल्ली में करेंगे. लेकिन आज हम उनका नाश्ता करेंगे. गुरु महाराज ने कहा है- एक खालसा सवा लाख के बराबर होता है आज उनकी बात सच कर दिखाने का वक्त आ गया है.