
सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को अयोध्या के रामजन्मभूमि बाबरी मस्जिद विवाद पर सुनवाई हुई. अयोध्या केस की सुनवाई का अंतिम दौर चल रहा है और मंगलवार को हिंदू पक्षकारों की तरफ दलीलें दी गईं. हिंदू पक्षकार के वकील के. परासरण ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि मुस्लिम पक्ष के लोग कहीं और जाकर नमाज़ पढ़ सकते हैं, लेकिन भगवान राम का जन्मस्थान एक ही है हम इसे नहीं बदल सकते हैं.
सुनवाई के दौरान वकील के. परासरण ने अपनी दलील में कहा कि किसी को भी भारत के इतिहास को तबाह करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है. सुप्रीम कोर्ट को इतिहास की गलती को ठीक करना चाहिए. एक विदेशी भारत में आकर अपने कानून लागू नहीं कर सकता है.
हिंदू पक्ष की ओर से सुप्रीम कोर्ट में कहा गया है कि मुस्लिम कहीं और भी जाकर नमाज़ पढ़ सकते हैं, अयोध्या में 56-60 मस्जिद हैं. लेकिन ये भगवान राम का जन्मस्थान है, हम ये नहीं बदल सकते हैं.
सुनवाई के दौरान वकील के. परासरण ने कहा कि मुस्लिमों को साबित करना होगा कि जमीन पर उनका हक है. इसपर जस्टिस नज़ीर ने पूछा कि बिना एडवर्स पजेशन को साबित किए मालिकाना हक को साबित कर सकते हैं?
इसपर के. परासरण ने कहा कि क्योंकि ड्युअल ऑनरशिप का प्रावधान भारतीय कानून में है. लिहाजा एडवर्स पजेशन में भी किसी की जमीन पर कोई जबरन इमारत बना ले, तो भी जमीन का मालिकाना हक ज़मीन वाले का ही रहता है.
उन्होंने कहा कि अभी हमें नहीं बल्कि मुस्लिम पक्ष को मालिकाना हक सिद्ध करने की ज़रूरत है क्योंकि हमारा दावा तो स्वयंसिद्ध है.