
कोर्ट ने कहा है कि दरअसल मौजूदा बेंच के जज जल्दी ही रिटायर होने वाले हैं, लिहाजा नई बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी. सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस एच.एल.दत्तू ने पूछा कि आखिर मुख्य आरोपी माया बेन के मामले की सुनवाई साथी आरोपियों के साथ क्यों नहीं हो रही. साथी आरोपियों का पक्ष सुने बिना माया बेन का पक्ष सुनकर नतीजा कैसे निकाला जा सकता है.
सन 2002 में गुजरात के नरोदा पाटिया में हुए सांप्रदायिक दंगों में अहम भूमिका निभाने के आरोप में माया बेन कोडनानी को सजा-ए-मौत सुनाई गई है. सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर भी हैरानी जताई कि माया बेन की खराब सेहत के बारे में पेश जिन दस्तावेजों पर सबसे ऊंची अदालत ने अंतरिम जमानत दी थी उन्हीं दस्तावेजों पर हाईकोर्ट ने सामान्य जमानत कैसे दे दी.
फिलहाल, इस मामले में 31 आरोपियों की तरफ से 15 याचिकाएं गुजरात हाईकोर्ट में लंबित हैं. उन पर अब दो महीने बाद नई बेंच सुनवाई करेगी.