
दिल्ली में अतिक्रमण और अवैध निर्माण पर सीलिंग के मुद्दे पर बरती जा रही लापरवाहियों और मनमानियों का जवाब देने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने डीडीए के उपाध्यक्ष को तलब किया है. कोर्ट ने दक्षिण और पूर्वी दिल्ली नगर निगम के सभी जोन के डीसी और टास्क फोर्स के मुखिया को भी तलब किया है.
कोर्ट ने अपना पक्ष हलफनामे के जरिए रखने को कहा है. कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख 18 जुलाई को तय की है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अवैध निर्माण और अतिक्रमण वाली 10,000 प्रॉपर्टीज में से सिर्फ 2,000 सील की गई हैं. कोर्ट ने मीडिया की खबरों के हवाले से कहा कि केंद्र सरकार के सचिव ये कह रहे हैं कि मॉनिटरिंग कमेटी बिना कॉमन सेंस के सीलिंग करा रही है, तभी तो जिन इमारतों के बेसमेंट सील हो गए हैं, उनकी और अन्य इमारतों की छतों पर रूफटॉप पब्स और डांस क्लब चल रहे हैं.
कोर्ट ने कहा कि हमारी बनाई मॉनिटरिंग कमेटी हमारे निर्देश पर काम कर रही है. अधिकारी कमेटी को बिना कॉमन सेंस वाला बता रहे हैं. इसका मतलब हम भी बिना कॉमन सेंस वाले हैं.
कोर्ट ने तंज भरे लहजे में कहा कि सरकारी अधिकारी हमें बता दें कि बाजार में ये कॉमन सेंस कहां मिलता है, ताकि हम भी थोड़ा ले आएं.
इस पर सरकार ने कहा कि नहीं आप लोग तो बहुत ज़हीन हैं. आपके आदेश पर तो सब कुछ हो रहा है. कोर्ट ने कहा कि आप हलफनामे के ज़रिए कुछ बता नहीं रहे हैं. सिर्फ जुबानी कहने का हमारे लिए कोई मतलब नहीं है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जो आरोप लगे हैं उनके जवाब अधिकारियों को देने होंगे. उनको 18 जुलाई को हाज़िर होना होगा.