
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) अधिकारियों को बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने अधिकारियों के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई रद्द कर दी. कोर्ट ने आदेशों के पूरी तरह पालन किए जाने पर संतोष जताया.
सुप्रीम कोर्ट में नया हलफनामा मंजूर
जयपुर में विद्याधरनगर सहित कई इलाकों में जमीन अधिग्रहण मामले में सुनवाई के दौरान राजस्थान के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी अशोक जैन और जेडीए के कमिश्नर शिखर अग्रवाल कोर्ट में मौजूद थे. कोर्ट ने उनके नए हलफनामे को स्वीकार कर लिया.
कोर्ट ने दी थी जेल भेजने की चेतावनी
जस्टिस गौड़ा और जस्टिस अमिताव रॉय की कोर्ट में मंगलवार को चल रही सुनवाई के लिए सभी अधिकारियों को हाजिर होने का आदेश दिया गया था. कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान आदेशों का पालन नहीं होने पर अफसरों को फटकारते हुए जेल भेजने की बात कही थी.
झुके जेडीए ने फौरन दी प्रभावितों को जमीन
इसके पहले कोर्ट की फटकार मिलने से सभी अधिकारियों ने दिन-रात लगकर विद्याधर नगर के मामले में जरूरी दस्तावेज तैयार किए. मुआवजे का आवंटन सुनिश्चित किया और शुक्रवार को दिनभर जेडीए कार्यालय खोलकर प्रभावित 22 लोगों को 50 हजार 598 वर्गमीटर जमीन के आवंटन पत्र थमा दिए गए. ये आवंटन-पत्र 80 फीसदी जमीन विद्याधर नगर और शेष गोकुल नगर के थमाए गए हैं.
कोर्ट की फटकार के बाद जागा जेडीए
अभी तक जेडीए कोर्ट में यही लड़ाई लड़ता आ रहा था कि बोयतावाला में ली गई जमीन के बदले विद्याधर नगर की बेशकीमती जमीन का आवंटन नहीं किया जाएगा, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के चारों अधिकारियों पर लगे अवमानना का चार्ज और फटकार के बाद मिली 5 दिन की मोहलत पर यह कार्रवाई की गई. इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में कुल 5 मामले थे.