
लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों के मामले में सोमवार को बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया. ठाकुर ने अपने हलफनामे में कहा, 'पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष शशांक मनोहर ने उनके द्वारा लिए गए स्टैंड के बारे में मुझे बताया था, मामला कोर्ट में लंबित था और इस पर फैसला नहीं आया था.'
बोर्ड ने लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों को लेकर शनिवार को एक विशेष मीटिंग बुलाई थी और इस बैठक में बीसीसीआई ने लोढ़ा कमेटी के कुछ सुधारों पर अपना विरोध जारी रखने का फैसला किया.
इन मुद्दों पर राजी नहीं है बीसीसीआई
बोर्ड के एक सीनियर अधिकारी ने मीटिंग के बाद कहा था ,‘हमारा मानना है कि इसके कुछ प्रावधानों पर अमल व्यवहारिक रूप से संभव नहीं है.’ बोर्ड के पूर्णकालिक
सदस्यों के प्रतिनिधियों की बैठक के बाद यह फैसला लिया गया. बीसीसीआई ने साफ तौर पर कहा कि ‘एक राज्य, एक वोट’, ‘एक व्यक्ति , एक पद’ और ‘ब्रेक की अवधि’ विवादित मसले बने हुए हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने अनुराग ठाकुर से मांगा था एफिडेविट
लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों को अक्षरश: स्वीकार करने वालों में सिर्फ त्रिपुरा, विदर्भ और राजस्थान क्रिकेट संघ है. सुप्रीम कोर्ट ने ठाकुर को हलफनामा देकर यह स्पष्ट करने को कहा कि क्या उन्होंने आईसीसी को यह कहने के लिए
लिखा कि लोढ़ा समिति के सुझाव सरकारी दखल के समकक्ष है. आईसीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डेव रिचर्डसन ने हाल ही में मीडिया से बातचीत में ऐसा दावा किया था.