
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को तीन तलाक मामले में दायर याचिका पर सुनवाई चार हफ्ते के लिए टाल दी है. मामले की सुनवाई मंगलवार को होनी थी. सरकार ने मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर की बेंच के सामने मांग रखी कि मामले में उसे जवाब देने के लिए चार हफ्ते का समय दिया जाए, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया.
बता दें कि तीन बार तलाक कहकर शादी खत्म करने के प्रावधान को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में अपना हलफनामा दायर किया है. बोर्ड ने मांग की है कि ट्रिपल तलाक को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज किया जाना चाहिए.
सर्वोच्च अदालत ने मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के हलफनामे पर सरकार से जवाब मांगा है. बोर्ड ने हलफनामे की शक्ल में कोर्ट के नोटिस पर जवाब में कहा है कि पर्सनल लॉ का मूल स्रोत कुरान है. ऐसे में उसकी वैधता को परखा नहीं जा सकता. मुस्लिम पर्सनल लॉ को वैलिडिटी के आधार पर चुनौती नहीं दी जा सकती. संविधान का भाग- 3 पर्सनल लॉ को नहीं छूता और ऐसे में पर्सनल लॉ की समीक्षा सुप्रीम कोर्ट नहीं कर सकता. धार्मिक मुद्दों पर पैदा होने वाले विवाद में धार्मिक किताबों का ही सहारा लिया जा सकता है.
लॉ बोर्ड ने इसके साथ ही यह भी कहा कि इस मामले में कोर्ट को दखल नहीं देना चाहिए.