
देश में कोरोना संक्रमण थमने का नाम नहीं ले रहा है. राज्यों और केंद्र सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद हर दिन नए केस बढ़ते ही जा रहे हैं. इस बीच सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका लगाई गई है जिसमें सरकार पर ठीक ढंग से काम न करने का आरोप लगाया गया है.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में कोविड-19 महामारी के कथित कुप्रबंधन को लेकर सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की अगुआई में एक आयोग के माध्यम से स्वतंत्र जांच की मांग वाली याचिका लगाई गई है. इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को सुनवाई कर सकता है.
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याचिका में सरकार पर कोरोना से निपटने में कुप्रबंधन का आरोप लगाया गया है. इस बाबत छह पूर्व वरिष्ठ नौकरशाहों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने याचिका दायर की है. जिसमें देश के नागरिकों के जीवन और आजीविका पर महामारी के प्रभाव को महत्वपूर्ण बताया गया है.
सुप्रीम कोर्ट में दायक की गई याचिका में एक आयोग का गठन कर इस मामले की जांच कराने की मांग की गई है. जानकारी के मुताबिक न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली पीठ शुक्रवार को मामले की सुनवाई कर सकती है.
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कोरोना के एक्टिव केसों में आई कमी
भारत में एक्टिव कोरोना केस के आंकड़ों से पता चलता है कि महामारी का प्रसार अब धीमा होने लगा है. जुलाई के आखिरी हफ्ते के मुकाबले अगस्त के पहले हफ्ते में एक्टिव मामलों की संख्या लगभग आधी हो गई है और इसी अवधि में रिकवरी रेट में करीब 40 फीसदी की वृद्धि हुई है.
फिलहाल भारत में 6 लाख से ज्यादा एक्टिव केस हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, सिर्फ जुलाई के आखिरी हफ्ते में कुल 1,05,183 एक्टिव केस जुड़े थे. अगस्त के पहले हफ्ते में यह संख्या घटकर 53,985 हो गई है.
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