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CJI रंजन गोगोई बोले- अभी अयोध्या केस की सुनवाई जारी, कश्मीर के लिए टाइम नहीं

सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में जब इस मामले की सुनवाई हुई तो SC ने इस मामले को जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट के हवाले ही कर दिया है. यानी इस मसले को अब हाई कोर्ट ही सुनेगा.

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई (फोटो- ANI) चीफ जस्टिस रंजन गोगोई (फोटो- ANI)
संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 30 सितंबर 2019,
  • अपडेटेड 1:02 PM IST

  • जम्मू-कश्मीर मसले पर SC में सुनवाई
  • मंगलवार को होगी सभी मसलों पर सुनवाई
  • CJI ने कहा- संविधान पीठ के पास वक्त नहीं

जम्मू-कश्मीर में नाबालिग बच्चों को हिरासत में रखे जाने को लेकर जो मामला था, उस पर हाई कोर्ट की जुवेनाइल जस्टिस कमेटी ने सर्वोच्च अदालत में अपनी रिपोर्ट दे दी है. सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में जब इस मामले की सुनवाई हुई तो SC ने इस मामले को जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट के हवाले ही कर दिया. यानी इस मसले को अब हाई कोर्ट ही सुनेगा.

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इस मामले पर ईनाक्षी गांगुली और शांता सिन्हा की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. इस दौरान चीफ जस्टिस ने अदालत में कहा कि इस मसले पर जो रिपोर्ट थी वह आ गई है, मामले को संवैधानिक पीठ के पास भेजा जा रहा है.

सभी सुनवाई अब मंगलवार को

सोमवार को ही जम्मू-कश्मीर पर एक और याचिका अदालत में पहुंची. MDMK नेता वाइको की ओर से फारूक अब्दुल्ला की हिरासत पर याचिका दायर की गई थी. चीफ जस्टिस ने इस मामले में कहा है कि PSA एक्ट को चैलेंज किया जा सकता है. ऐसे में याचिका को रद्द कर दिया गया है. जब सुनवाई के दौरान अनुराधा बासिन के द्वारा दायर घाटी में प्रेस पर लगी पाबंदी पर याचिका को तुरंत सुनने से SC ने इनकार कर दिया.

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चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि हमारे पास काफी मामले सुनने का समय नहीं है. संवैधानिक पीठ के सामने अभी अयोध्या का मामला है. इसके अलावा गुलाम नबी आज़ाद से जुड़ी याचिका अब मंगलवार को ही सुप्रीम कोर्ट में सुनी जाएगी. यानी अब जम्मू-कश्मीर से जुड़ी कई याचिकाओं की सुनवाई मंगलवार को ही होगी.

किस मामले पर दायर की गई है याचिका?

जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद से ही कई तरह की पाबंदियां लग गई हैं. इसी मसले पर सुप्रीम कोर्ट में कई तरह की याचिकाएं दायर की गई हैं. इन याचिकाओं में अनुच्छेद 370 हटाने के तरीके, यहां लागू की गई पाबंदियां, घाटी में मीडिया पर लगी पाबंदियां जैसी याचिकाएं शामिल हैं. इसके अलावा गुलाम नबी आज़ाद के द्वारा घाटी में नेताओं की एंट्री पर पाबंदियों के खिलाफ याचिका दायर की गई थी.

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