
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच चल रही सत्ता की जंग पर फैसला सुनाया है. अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि उपराज्यपाल को दिल्ली सरकार की कैबिनेट की सलाह के अनुसार ही फैसला लेना चाहिए वह इसके लिए स्वतंत्र नहीं हैं. आम आदमी पार्टी इस फैसले को अपनी जीत बता रही है, लेकिन बीजेपी ने भी इस फैसले को अपने ढंग से लिया है. दोनों ही पार्टियां इस फैसले में अपनी जीत ढूंढ रही है.
BJP बोली - केजरीवाल को लगा बड़ा झटका
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला केजरीवाल की स्टंट राजनीति की हार है. फैसले के मुताबिक, उपराज्यपाल ही दिल्ली के बॉस हैं और वह सरकार के साथ मिलकर काम करेंगे.
इस फैसले को बीजेपी ने केजरीवाल सरकार के लिए झटका बताया है. मामले में बीजेपी नेता विजेंद्र गुप्ता का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर ही मुहर लगाई है. इससे एक बार फिर साफ हो गया है कि पुलिस, जमीन और कानून व्यवस्था के मामले पर उप राज्यपाल का पूरा नियंत्रण हैं.
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उप राज्यपाल खुद आदेश नहीं निकालते हैं. वो दिल्ली सरकार के फैसले पर ही मुहर लगाते हैं. इस फैसले में यही कहा गया है कि उप राज्यपाल ही दिल्ली सरकार के फैसले पर मुहर लगाएंगे. इस फैसले को अपनी जीत बताकर आम आदमी पार्टी लोगों को गुमराह कर रही है.
मनीष सिसोदिया ने बताई बड़ी जीत
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर राज्य के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है, अब सरकार अपना काम कर सकेगी. सिसोदिया ने कहा है कि पुलिस, जमीन और कानून व्यवस्था को लेकर हमारी मांग अभी भी जारी है और हम अभी भी दिल्ली को पूर्ण राज्य की मांग उठाते रहे हैं. हमारा आंदोलन जारी रहेगा.
सिसोदिया ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला लिया है, अब हमारे हर काम में टांग नहीं अड़ाई जाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि एलजी अपनी मनमानी नहीं कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि अभी तक गैर जरूरी टिप्पणियों के जरिए काम को रोका जा रहा था.
दिल्ली के डिप्टी सीएम ने साफ कहा कि अब हर काम के लिए हमारे लिए उपराज्यपाल की मंजूरी लेना जरूरी नहीं होगा. कोर्ट ने दिल्ली की जनता को ही सुप्रीम बताया है.
शीला दीक्षित बोलीं- मिलकर करने से बनेगी बात
वहीं, कांग्रेस नेता और दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने कहा, 'काम चाहे उप राज्यपाल के नियंत्रण में आए या फिर मुख्यमंत्री के नियंत्रण में. लेकिन मिलकर काम करना होगा. वरना मतभेद की स्थिति में काम नहीं किया जा सकता है.
सुप्रीम कोर्ट ने संविधान में दिए गए प्रावधानों को ही दोहराया है. उप राज्यपाल और मुख्यमंत्री के पद जिम्मेदारी के हैं. जब दिल्ली में हमारी सरकार थी, तब भी मतभेद होते थे, लेकिन हम मिलकर सुलझा लेते थे. कभी उप राज्यपाल झुक जाते थे और कभी हम झुक जाते थे.'