Advertisement

जम्मू कश्मीर में पैलेट गन बैन की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा- पहले पत्थरबाजी तो रुके

पैलेट गन के मुद्दे पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा याचिकाकर्ता को कहा कि हम केंद्र सरकार को पैलेट गन का इस्तेमाल करने पर रोक लगाने के लिए कहने के लिए तैयार हैं, लेकिन क्या आप यह भरोसा दिलवाइए कि आगे से कश्मीर में पत्थरबाजी नहीं होगी.

पैलेट गन पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पैलेट गन पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
अहमद अजीम
  • नई दिल्ली,
  • 28 अप्रैल 2017,
  • अपडेटेड 4:50 PM IST

जम्मू कश्मीर में प्रदर्शनकारियों को काबू करने के लिए पैलेट गन का इस्तेमाल बंद करने की मांग पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा याचिकाकर्ता को कहा कि हम केंद्र सरकार को पैलेट गन का इस्तेमाल करने पर रोक लगाने के लिए कहने के लिए तैयार हैं, लेकिन क्या आप यह भरोसा दिलवाइए कि आगे से कश्मीर में पत्थरबाजी नहीं होगी. कोर्ट ने याचिकाकर्ता जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन से कहा कि अगर पत्थरबाजों की ओर से इस मुद्दे पर कोई सकारात्मक जवाब आता है, तब वह इस मुद्दे पर आगे फैसला लेगी. मुख्य न्यायधीश ने कहा कि जब वहां सड़के बंद हैं और पत्थरबाजी हो रही है, तो इस मुद्दे पर हम चर्चा कैसे कर सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट इस मुद्दे पर अगली सुनवाई 9 मई को करेगा.

Advertisement

अलगाववादियों से बात नहीं करेगा केंद्र
सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन से कहा कि वह घाटी के हालात सुधारने के लिए सुझाव दें और वहां पर हिंसा को रुकवाएं. तो वहीं केंद्र सरकार ने कोर्ट को बताया कि इस मुद्दे पर सिर्फ मान्य पार्टियां से ही बात करेगी, ना कि अलगाववादियों के खिलाफ.

आपको बता दें कि इससे पहले की सुनवाई में केंद्र सरकार ने कोर्ट में कहा था कि वो उग्र प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए जल्द ही एक सीक्रेट वेपन का इस्तेमाल शुरू करने वाली है. इसे पैलेट गन के पहले इस्तेमाल में लाया जाएगा. केंद्र सरकार के मुताबिक बदबूदार पानी, लेज़र डेज़लर और तेज़ आवाज़ करने वाली मशीनों का भी प्रदर्शनकारियों पर कोई असर नहीं होता है. इसलिए मजबूरी में आखिरी विकल्प के तौर पर पैलेट गन का इस्तेमाल किया जाता है.

Advertisement

क्या थी केंद्र सरकार की दलील
सरकार की ओर से पेश हुए अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने दलील दी थी कि राज्य में उपद्रवियों पर काबू पाने के लिए पैलेट गन को अंतिम विकल्प के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है. जम्मू कश्मीर में होने वाला प्रदर्शन दिल्ली में जंतर-मंतर पे होने वाला शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शन नहीं है. प्रदर्शनकारी सुरक्षा बलों पर ग्रेनेड, पेट्रोल बम, मॉकटेल बम से हमला करते हैं, भीड़ में छुप कर पीछे से सुरक्षा बलों पर ग्रेनेड फेंकते हैं. सरकारी और निजी सम्पति को नुकसान पहुंचाया जाता है.

याचिकाकर्ता से कोर्ट के सवाल
सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट बार एसोसिएशन से सुझाव मांगे थे. कोर्ट ने पूछा था कि पैलेट गन के अलावा क्या ऑप्शन हो सकता है? याचिकाकर्ता को ये भी बताना था कि आखिर हालात बेहतर बनाने के लिए क्या कुछ किया जा सकता है.

आपको बता दें कि घाटी में लगातार पत्थरबाजी की घटनाएं होती रहती हैं. पत्थरबाजी में कई दफा जवानों के घायल होने की भी खबर आती है. हालांकि सेना के द्वारा इस्तेमाल किये जाने वाली पैलेट गन पर भी कई बार सवाल खड़े किये जा चुके हैं.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement