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SC ने दागी नेताओं को दी राहत लेकिन शर्तें भी रखीं, फैसले की 10 अहम बातें

सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए नेताओं को राहत तो दी लेकिन संसद का दायित्व भी समझाया कि राजनीति में अपराधियों का प्रवेश न हो, इसके लिए संसद को कानून बनाना चाहिए.

प्रतीकात्मक फोटो प्रतीकात्मक फोटो
रविकांत सिंह/संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 25 सितंबर 2018,
  • अपडेटेड 11:35 AM IST

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को दागी जनप्रतिनिधियों के मामले में बड़ा फैसला दिया. कोर्ट ने दागी नेताओं के चुनाव लड़ने पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. आइए जानें सुप्रीम कोर्ट के फैसले की अहम बातें.

1-शीर्ष अदालत ने कहा, आरोप पत्र के आधार पर दागी नेताओं पर कार्रवाई नहीं.

2-दागी जनप्रतिनिधियों पर कानून बनाए संसद

3-चुनाव लड़ने से रोकने के लिए सिर्फ चार्जशीट काफी नहीं.

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4-लोगों को जनप्रतिनिधियों का आपराधिक रिकॉर्ड जानने का हक

5-वेबसाइट पर नेताओं के आपराधिक रिकॉर्ड का ब्योरा पार्टियां डालें

6-राजनीति का अपराधिकरण गंभीर समस्या, ये चिंता का विषय

7-जनप्रतिनिधि और पार्टियां नामांकन दाखिल करने के बाद लोकल मीडिया (इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट) में लंबित आपराधिक मामलों की पूरी पब्लिसिटी करें.

8-कोर्ट ने कहा, संसद का दायित्व है कि अपराधी राजनीति में प्रवेश न करें.

9-MP/MLA वकालत कर सकेंगे. इनकी प्रैक्टिस पर रोक की मांग वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की. फैसले में कोर्ट ने कहा कि बार काउंसिल की नियमावली में भी ऐसे मामलों में रोक का कोई प्रावधान नहीं.

10-जस्टिस ए एम खानविलकर ने सुनाया फैसला. कहा MP/MLA फुल टाइम एंपलाई नहीं.

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