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पूर्व CJI गोगोई पर उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला कर्मचारी की बहाली

रंजन गोगोई पर जिस वक्त यह आरोप लगाया गया था, तब वो सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस थे. आरोप के बाद जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट की इन-हाउस कमेटी का गठन किया गया था. कमेटी ने जांच में पाया था कि महिला कर्मचारी के आरोपों में कोई आधार नहीं है.

पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई (फोटो- PTI) पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई (फोटो- PTI)
संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 22 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 2:36 PM IST

  • पूर्व CJI गोगोई पर आरोप लगाने वाली महिला की बहाली
  • आरोप लगाने वाली महिला कर्मचारी को मिली नियुक्ति
  • उत्पीड़न की शिकायत पर नौकरी से हटाने का था आरोप

पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली सुप्रीम कोर्ट की महिला कर्मचारी को बहाल कर दिया गया है. महिला कर्मचारी ने सुप्रीम कोर्ट में ड्यूटी भी ज्वाइन कर ली है.

सुप्रीम कोर्ट की महिला कर्मचारी ने पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के आवासीय कार्यालय पर तैनात रहते हुए अपने उत्पीड़न का आरोप लगाया था. महिला कर्मचारी के आरोपों पर जांच कमेटी का गठन किया गया था. जांच कमेटी को रंजन गोगोई के खिलाफ कोई आधार नहीं मिला था, जिसके बाद उन्हें क्लीन चिट दे दी गई थी.

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इसके बाद 17 नवंबर 2019 को रंजन गोगोई रिटायर हो गए. गोगोई के रिटायरमेंट से पहले ही महिला कर्मचारी की बहाली हो गई और उन्होंने ड्यूटी ज्वाइन कर ली. हालांकि, महिला ने इस बारे में किसी से कोई चर्चा नहीं की और फिर छुट्टी पर चली गईं. डेढ़ महीने से ज्यादा छुट्टी बिताने के बाद जनवरी में महिला कर्मचारी फिर से ड्यूटी पर आ गई हैं.

इस बीच महिला कर्मचारी के पति और एक अन्य रिश्तेदार भी, जिन्हें पुलिस की नौकरी से निलंबित किया गया था उन्हें फिर से ज्वाइन करा दिया गया है.

क्या है मामला?

महिला कर्मचारी ने मई 2014 में सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति पाई थी. इसके बाद अक्टूबर 2018 में उनकी तैनाती तत्कालीन चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के आवासीय कार्यालय पर कर दी गई. महिला कर्मचारी ने यहां उनके साथ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया. महिला कर्मचारी ने आरोप लगाया था कि इसके बाद उनका ट्रांसफर कर दिया गया और नौकरी से हटा दिया गया.

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हालांकि, महिला कर्मचारी की शिकायत को जांच कमेटी ने आधारहीन पाया था. तत्कालीन चीफ जस्टिस के खिलाफ शिकायत के बाद इन-हाउस जांच कमेटी का गठन किया गया था. इस कमेटी में जस्टिस एस.ए बोबड़े (मौजूदा सीजेई), जस्टिस इंदु मल्होत्रा और जस्टिस इंदिरा बनर्जी शामिल थे. कमेटी ने पाया था कि 19 अप्रैल 2019 को सुप्रीम कोर्ट की पूर्व कर्मचारी ने जो आरोप लगाए हैं, उनमें कोई आधार नहीं है.

रंजन गोगोई चीफ जस्टिस पद से रिटायर हो गए हैं और अब सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एस.ए बोबड़े हैं.

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