Advertisement

SC सख्त, कहा- ब्लैकमेल करने के लिए होता है RTI का इस्तेमाल

चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने कहा कि हम चाहते हैं लोगों को सूचना मिलती रहे, लेकिन सूचना के अधिकार (RTI) के चलते कई सरकारी विभाग काम नहीं कर पाते हैं. लोग खुद को RTI कार्यकर्ता कहते हैं. क्या यह कोई व्यवसाय है?

सुप्रीम कोर्ट की फाइल फोटो सुप्रीम कोर्ट की फाइल फोटो
संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 16 दिसंबर 2019,
  • अपडेटेड 10:02 AM IST

सुप्रीम कोर्ट ने 3 महीने में केंद्रीय और राज्य सूचना आयोग के खाली पद को भरने का आदेश दिया है. चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने कहा कि हम चाहते हैं लोगों को सूचना मिलती रहे, लेकिन सूचना के अधिकार (RTI) के चलते कई सरकारी विभाग काम नहीं कर पाते हैं. लोग खुद को RTI कार्यकर्ता कहते हैं. क्या यह कोई व्यवसाय है? ब्लैकमेल करने के लिए भी RTI की याचिकाएं दाखिल की जाती हैं.

Advertisement

आरटीआई की क्या है हालत

पिछले 14 साल में आरटीआई के तहत आवेदन करने वाले कुछ लोगों को सरकारी विभाग और कार्यालयों ने जानकारी उपलब्ध कराने में आनाकानी की, जिसके चलते लोगों ने केंद्रीय सूचना आयोग और राज्य सूचना आयोग का दरवाजा खटखटाया. साल 2005-06 से 2018-19 के दौरान सूचना आयोग ने 15 हजार 578 मामलों का निपटारा भी किया. साथ ही आरटीआई के तहत जानकारी उपलब्ध नहीं कराने वाले लोगों पर जुर्माना लगाया.

इस कानून को बने 14 साल गुजर चुके हैं, लेकिन देश के 97.5 फीसदी लोगों ने इसका आजतक इस्तेमाल ही नहीं किया. इसका खुलासा ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल इंडिया की रिपोर्ट में हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक सबसे ज्यादा 78 लाख 93 हजार 687 आरटीआई आवेदन केंद्र सरकार को मिले. वहीं दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र रहा, जहां 61 लाख 80 हजार 69 आवेदन आए. इसके अलावा तमिलनाडु में 26 लाख 91 हजार 396 कर्नाटक में 22 लाख 78 हजार 82 और केरल में 21 लाख 92 हजार 571 आवेदन आए.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement