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जज नियुक्ति के मामले में SC ने केंद्र को दोबारा भेजे 37 नाम

सुप्रीम कोर्ट ने 18 नवंबर को सरकार को जानकारी दी थी कि वो उन सभी 43 नामों पर अपनी सिफारिश पर कायम हैं जिन्हें सरकार ने कोलेजियम के पास दोबारा विचार के लिए भेज दिया था.

SC ने केंद्र को भेजे नाम SC ने केंद्र को भेजे नाम
खुशदीप सहगल
  • नई दिल्ली,
  • 23 नवंबर 2016,
  • अपडेटेड 3:51 PM IST

हाईकोर्ट में जजों के रिक्त पदों पर नियुक्ति के मसले पर सरकार और सुप्रीम कोर्ट के बीच पेंच फंसा हुआ है. बुधवार को लोकसभा में जानकारी दी गई कि सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम ने जजों की नियुक्ति के लिए पहले जो 43 नाम सुझाए थे, उनमें 37 नामों के लिए सिफारिश केंद्र सरकार के पास दोबारा भेज दी है. केंद्र सरकार ने 43 नामों को सुप्रीम कोर्ट के पास पुनर्विचार के लिए भेजा था. कोलेजियम ने 3 नामों के प्रस्ताव को स्थगित कर दिया है, 3 नाम अब भी कोलेजियम के विचाराधीन हैं.

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सुप्रीम कोर्ट ने 18 नवंबर को सरकार को जानकारी दी थी कि वो उन सभी 43 नामों पर अपनी सिफारिश पर कायम हैं जिन्हें सरकार ने कोलेजियम के पास दोबारा विचार के लिए भेज दिया था.

तब चीफ जस्टिस टी एस ठाकुर और जस्टिस ए आर दवे की बेंच ने कहा था- 'हमने हाईकोर्ट में जजों की नियुक्ति के लिए 43 नामों की सिफारिश को दोहराया है जिन्हें सरकार ने खारिज कर दिया था और दोबारा विचार के लिए भेजा था.'

तीन नाम को किया गया खारिज

लेकिन कानून राज्य मंत्री पी पी चौधरी ने बुधवार को लोकसभा में लिखित जवाब में बताया कि कोलेजियम ने सिर्फ 37 नामों की सिफारिश दोबारा केंद्र के पास भेजी है. चौधरी ने जवाब में कहा, 'सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम ने 77 नामों के प्रस्ताव भेजे थे, जिनमें से सरकार ने 34 जजों की नियुक्ति विभिन्न हाई कोर्ट में कर दी. सरकार ने 43 नाम कोलेजियम के पास पुनर्विचार के लिए भेजे. तीन नामों के प्रस्तावों को स्थगित कर दिया है, तीन नाम अब भी सुप्रीम कोर्ट के पास है.'

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केंद्र ने 15 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि हाईकोर्ट में जजों की नियुक्ति के लिए कोलेजियम की ओर से भेजे गए 77 नामों में से 34 को मंजूरी दे दी है. सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को ये भी बताया था कि जजों की नियुक्ति की सिफारिशों को लेकर कोई भी फाइल उसके पास लंबित नहीं है.

बता दें कि हाईकोर्ट में जजों की नियुक्तियों में देरी को लेकर सुप्रीम कोर्ट लगातार नाखुशी का इजहार करता रहा है. चौधरी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट्स में जजों की भविष्य में नियुक्तियों को लेकर दिशा तय करने वाला दस्तावेज (रिवाइज्ड मेमोरेंडम ऑफ प्रोसीजर) अभी लंबित है. लेकिन मौजूदा साल में 124 अतिरिक्त जजों को स्थायी किया गया, साथ ही हाईकोर्ट्स में 120 नए जज नियुक्त किए गए.

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