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दागी नेताओं के चुनाव लड़ने पर SC सख्त, जल्द करेगा सुनवाई

पिछली सुनवाई में दागी नेताओं के चुनाव लड़ने पर रोक लगाने के मामले की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कानून बनाना हमारा काम नहीं है , यह संसद का काम है.

सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो, रॉयटर्स) सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो, रॉयटर्स)
मोहित ग्रोवर
  • नई दिल्ली,
  • 02 नवंबर 2018,
  • अपडेटेड 9:59 AM IST

आपराधिक मामलों में दोषी करार दिए जा चुके नेताओं के चुनाव लड़ने पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती अपनाई है. गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह इन मामलों पर जल्द से जल्द सुनवाई करेगा.

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुवाई वाली बेंच ने इन मामलों को काफी गंभीर बताया है. चीफ जस्टिस के अलावा इस बेंच में जस्टिस यू यू ललित और जस्टिस के एम जोसफ थे.

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बेंच ने कहा कि वह दोषी निर्वाचित जन प्रतिनिधियों पर आजीवन पाबंदी लगाने के पहलू पर चार दिसंबर को विचार कर सकती है. पीठ ने कहा कि सरकारी नौकरशाह और न्यायिक अधिकारी दोषसिद्धि के बाद वापस नहीं लौट सकते हैं.

केन्द्र की ओर से पेश हुए सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सरकार को निर्वाचित जनप्रतिनिधियों से जुड़े आपराधिक मामलों की विशेष रूप से सुनवाई करने के लिए विशेष अदालतें गठित करने पर कोई आपत्ति नहीं है.

बता दें कि पीठ भाजपा नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी. आपको बता दें कि याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा है कि इस समय देश में 33 फीसदी नेता ऐसे हैं जिन पर गंभीर अपराध के मामले में कोर्ट आरोप तय कर चुका है.

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