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टिप्पणी नहीं, आदेश दे सुप्रीम कोर्ट: दिग्विजय सिंह

कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने आजतक चैनल के सीधी बात कार्यक्रम में हेडलाइंस टुडे के मैनेजिंग एडिटर राहुल कंवल से बातचीत की. पेश हैं, बातचीत के प्रमुख अंश.

राहुल कंवल
  • नई दिल्‍ली,
  • 30 मई 2013,
  • अपडेटेड 11:42 AM IST

कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने आजतक चैनल  के सीधी बात कार्यक्रम में हेडलाइंस टुडे के मैनेजिंग एडिटर राहुल कंवल से बातचीत की. पेश हैं, बातचीत के प्रमुख अंश:

आपकी सरकार ने कीर्तिमान खड़ा कर दिया उन मंत्रियों का, जिन्हें भ्रष्टाचार के आरोपों के तहत इस्तीफा देना पड़ा.
जिन्होंने भी गलत किया वे जेल गए. रेल मंत्री (पवन बंसल) पर प्रत्यक्ष केस नहीं, उनके भानजे पर है. उन पर कार्रवाई हो रही है. अश्विनी कुमार के मामले में भ्रष्टाचार कहां है?

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सीबीआइ के अफसरों को बताया जा रहा है कि (रिपोर्ट में) क्या लिखें, क्या नहीं. किसे बचाने की कोशिश की जा रही है?
क्या सीबीआइ ने अपने हलफनामे में कहा है कि विधि मंत्री ने उसे किसी को बचाने-फंसाने के लिए कहा?

पर उन्होंने रिपोर्ट की दिशा बदल दी,  पीएम को बचाने के लिए.
इस रिपोर्ट में कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ है. कानून मंत्रालय सीबीआइ के लिए प्रॉसीक्यूशन वकील नियुक्त करता है. सीबीआइ के पास काम करने और जांच करने की पूरी आजादी होती है. दोष तो कोई चोरी-छुपे बुलाए तब होता है.

कांग्रेस की यही खासियत है, चोरी खुलेआम और फिर सीना जोरी.
कोई चोरी नहीं हुई. जांच प्रभावित नहीं की गई. 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रिपोर्ट का दिल बदल दिया गया है.
सुप्रीम कोर्ट ने अगर महसूस किया कि कानून मंत्री ने रिपोर्ट का दिल बदल दिया है तो क्यों वे न्यायिक आदेश नहीं देते कि अश्विनी कुमार के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए. केवल टिप्पणी देने से सुप्रीम कोर्ट खुद को बचा लेगा?

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आप सुप्रीम कोर्ट को चैलेंज कर रहे हैं?
नहीं. जो भी हुआ, सबके सामने हुआ. सीबीआइ प्रॉसीक्यूशन मैनुअल्स को देखा जाए तो उसमें कानून मंत्री को सलाह देने का अधिकार है. दूसरी बात यह कि प्रधानमंत्री ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया और कानून मंत्री से इस्तीफा लिया. इसमे भ्रष्टाचार कहां हुआ है?

अश्विनी कुमार और पवन बंसल के बाद पीएम का इस्तीफा होना चाहिए. विपक्ष की यह मांग है.
प्रधानमंत्री पहले व्यक्ति थे जिन्होंने कहा था कि कोल ब्लॉक की नीलामी होनी चाहिए. कोयला राज्य सरकारों के अधिकार क्षेत्र में आता है और राज्यों ने इस नीलामी पर आपत्ति जताई थी. सारे कोयला क्षेत्र गैर-कांग्रेसी सरकारों के क्षेत्र में हैं. उन राज्यों ने कहा कि हमारी संपत्ति है, आपको क्या हक है नीलाम करने का?

तो प्रधानमंत्री से इस्तीफा मांगने की कोई वजह नहीं?
बिलकुल नहीं. गलत पीएम ने नहीं किया, न ही किसी निर्णय को बदला है.

फिर क्यों कुमार को बचाने की कोशिश की?
पीएम का हक है कि वे किसे मंत्री बनाए रखें, किसे नहीं?

आपकी सरकार ने भ्रष्टाचार का कीर्तिमान गढ़ा है.
हजारों करोड़ रु. के भ्रष्टाचार गैर-कांग्रेसी सरकारों में हो रहे हैं, उसे आप नहीं बताते? हमने आरटीआइ दिया, मनी लॉन्डरिंग ऐक्ट मजबूत किया, बड़े-बड़े अधिकारियों को हमने भेजा.

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देश लूटा जा रहा है, कभी 2जी घोटाला, कभी सीडब्ल्यूजी तो कभी कोलगेट...
लोकतंत्र में हर संस्था का रोल अलग है. इसके स्तंभ एक दूसरे पर अतिक्रमण नहीं कर सकते. ए. राजा को जेल सुप्रीम कोर्ट ने नहीं, सीबीआइ की जांच ने भेजा.

पूरी बातचीत आप www.aajtak.in/digvijay पर जाकर देख सकते हैं.

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