Advertisement

SC की आम्रपाली के निदेशकों को कड़ी चेतावनी- होशियारी दिखाई तो बेघर कर देंगे

सुप्रीम कोर्ट ने खरीददारों को फ्लैट नहीं देने पर आम्रपाली समूह के प्रबंध निदेशक और निदेशकों को चेतावनी दी कि अगर आपने हमसे चालाकी दिखाने की कोशिश की, तो गंभीर परिणाम भुगतान होंगे. हम आपको बेघर कर देंगे.

सुप्रीम कोर्ट सुप्रीम कोर्ट
राम कृष्ण
  • नई दिल्ली,
  • 08 अगस्त 2018,
  • अपडेटेड 7:20 PM IST

लंबित रियल एस्टेट परियोजनाओं को पूरा नहीं करने और खरीददारों को फ्लैट नहीं देने पर आम्रपाली के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया है. शीर्ष अदालत ने आम्रपाली ग्रुप के प्रबंध निदेशक और निदेशकों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि अगर आपने हमसे चालाकी दिखाने की कोशिश की, तो गंभीर परिणाम भुगतान होंगे. हम आपको बेघर कर देंगे.

Advertisement

सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली समूह के प्रबंध निदेशक और निदेशकों से साफ शब्दों में कहा कि आपने लोगों को घर के लिए भटकने के लिए बाध्य किया है. हम आपकी सारी सम्पति बेच देंगे. आपका घर भी बेच देंगे और आपको बेघर कर देंगे. आप भी ऐसे ही अपने घर को देखेंगे जैसे दूसरे फ्लैट खरीदार देख रहे है.

अदालत ने इनसे पूछा कि आप अपनी सम्पतियों को बेचकर कैसे 5,112 करोड़ रुपये इकठ्ठा करेंगे...इसका प्रपोजल देकर हमको बताएं, ताकि अधूरे हाउसिंग प्रोजेक्ट को पूरा किया जा सके. सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप के डायरेक्टर और प्रमोटरों को अपनी चल और अचल संपत्तियों का पूरा ब्योरा भी 15 दिनों में पेश करने को कहा.

न्यायालय ने बिजली कंपनियों को निर्देश दिया कि वे आज ही आम्रपाली समूह की दो परियोजनाओं में बिजली आपूर्ति बहाल करें. बिजली बिल बकाया रहने के कारण सिलिकॉन सिटी और जुड़ियाक प्रोजेक्ट को बिजली आपूर्ति बंद कर दी गई थी. शीर्ष अदालत ने आम्रपाली समूह के सेवारत निदेशकों या 2008 से अब तक कंपनी छोड़ चुके निदेशकों का भी ब्योरा मांगा.

Advertisement

इसके अलावा न्यायालय ने आम्रपाली की परियोजनाओं का रख-रखाव देखने वाली कंपनियों और उन्होंने जो धन जुटाए और वितरित किए हैं, उसका ब्योरा भी मांगा है. वहीं, आम्रपाली समूह ने कोर्ट से कहा कि प्रोजेक्ट पूरा करने में 5,112 करोड़ रुपये लगेंगे. अब मामले की अगली सुनवाई 14 अगस्त को होगी.

इससे पहले पिछले महीने आम्रपाली ग्रुप ने सुप्रीम कोर्ट को एक प्रस्ताव सौंपा था. इसमें उसने कहा था कि हमने सरकार को एक प्रपोजल सौंपा है. इसमें हमने अधूरे पड़े प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लिए एनबीसीसी की मदद लेने की बात कही है.

इस पर जस्ट‍िस अरुण मिश्रा और यूयू ललित की बेंच ने आम्रपाली ग्रुप से प्रपोजल की पूरी डिटेल सौंपने को कहा था. इसके लिए कोर्ट ने 10 दिनों का समय दिया था. इसके साथ ही कोर्ट ने ग्रुप से 2008-2009 से अब तक लिए गए प्रोजेक्ट्स की पूरी वित्तीय जानकारी मांगी थी.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement