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शादी के बाद पति के अनुसार नहीं बदलता पत्नी का धर्म: सुप्रीम कोर्ट

बेंच ने वलसाड पारसी ट्रस्ट से कहा कि 14 दिसंबर को यह बताएं कि हिंदू व्यक्ति द्वारा शादी करने वाली पारसी महिला को उसके माता-पिता के अंतिम संस्कार में शामिल होने की अनुमति मिल सकती है या नहीं.

फाइल फोटो फाइल फोटो
मोहित ग्रोवर
  • नई दिल्ली,
  • 08 दिसंबर 2017,
  • अपडेटेड 9:58 AM IST

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को शादी के बाद पत्नी के धर्म को लेकर बड़ा फैसला सुनाया. कोर्ट ने कहा है कि शादी के बाद पत्नी का धर्म पति के अनुसार तय हो, ऐसा कोई कानून नहीं है. SC ने कहा कि दूसरे धर्म में शादी करने से ही पत्नी का धर्म नहीं बदल जाता है. सुप्रीम कोर्ट ने ये टिप्पणी गुरुवार को पारसी महिला की हिंदू पुरुष से शादी के बाद धर्म परिवर्तन के मुद्दे पर की. इसमें सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ टिप्पणी की है. 

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मुख्य न्यायधीश दीपक मिश्रा, जस्टिस एके सीकरी, अशोक भूषण, डीवाई चंद्रचूड़ और एएम खानविलकर की एक बेंच ने अपनी टिप्पणी में कहा कि शादी के आधार पर किसी महिला को उसके मानवीय अधिकारों से वंचित नहीं किया जा सकता है.

बेंच ने वलसाड पारसी ट्रस्ट से कहा कि 14 दिसंबर को यह बताएं कि हिंदू व्यक्ति द्वारा शादी करने वाली पारसी महिला को उसके माता-पिता के अंतिम संस्कार में शामिल होने की अनुमति मिल सकती है या नहीं.

आपतो बता दें कि महिला ने गुजरात हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें कहा गया था कि हिंदू पुरुष से शादी करने पर पारसी महिला अपने पारसी समुदाय की पहचान खो देती है. जिसके बाद कोर्ट ने टिप्पणी की है कि दो व्यक्ति शादी कर सकते हैं और अपनी धार्मिक पहचान को बनाए रख सकते हैं.

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दरअसल, गुलरुख एम. गुप्ता नामक पारसी मूल की महिला ने हिंदू शख्स से शादी की थी. वह अपने अभिभावक के अंतिम संस्कार में शामिल होना चाहती थीं, लेकिन वलसाड पारसी बोर्ड ने इसकी इजाजत नहीं दी थी.

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