
बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर दिल्ली में 2000 सीसी से ज्यादा बड़ी डीजल की गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन पर रोक जारी रहेगी. कार कंपनियों की याचिका पर सुनवाई करते हुए सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने जुलाई तक डीजल कारों के रजिस्ट्रेशन पर रोक बरकरार रखी है.
कोर्ट में सुनवाई के दौरान ऑटोमोबाइल कंपनी टोयोटा ने अदालत से कहा कि इस फैसले से उसकी प्रतिद्ंवद्वी कंपनियां मारुति और महिंद्रा को फायदा पहुंचेगा. सियाम ने भी कोर्ट में कहा कि वह 2020 तक बीएस-6 टेक्नोलॉजी तक पहुंच जाएंगे.
31 मार्च को भी बैन हटाने से किया था इनकार
गौरतलब है कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 31 मार्च को भी दिल्ली में 2000 सीसी से अधिक की डीजल गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन पर लगा बैन हटाने से इनकार कर दिया था. अदालत ने तब अपने फैसले में प्रदूषण के बढ़ते ग्राफ को देखते हुए टैक्सी सर्विसेज की गाड़ियों को एक महीने के अंदर डीजल से सीएनजी में बदले का समय दिया था. जबकि डीजल गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन पर अगले आदेश तक रोक लगा दी थी.
बता दें कि दिसंबर 2015 में दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण पर चिंता जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में 2000 सीसी से ज्यादा की नई डीजल कारों के रजिस्ट्रेशन पर रोक लगा दी थी. दिल्ली-NCR में यह आदेश 31 मार्च तक के लिए लागू था, जिसके बाद कोर्ट ने बैन की अवधि बढ़ा दी थी.