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सूरतः नोटबंदी से परेशान किसानों ने किया जबरदस्त प्रदर्शन

केंद्र सरकार और आरबीआई द्वारा बंद किए गए 1000 और 500 के नोट का जबरदस्त विरोध गुजरात के सूरत में देखने को मिला. नोटबंदी के निर्णय का विरोध करते हुए यहां के किसानों ने एक रैली निकाली और खेती में पैदावार होने वाली फसल एवं दूध कलेक्टर को ऑफिस के बाहर फेंक दिया.

प्रदर्शन के दौरान खड़े ट्रक प्रदर्शन के दौरान खड़े ट्रक
मोनिका शर्मा/गोपी घांघर
  • सूरत,
  • 20 नवंबर 2016,
  • अपडेटेड 2:39 PM IST

केंद्र सरकार और आरबीआई द्वारा बंद किए गए 1000 और 500 के नोट का जबरदस्त विरोध गुजरात के सूरत में देखने को मिला. नोटबंदी के निर्णय का विरोध करते हुए यहां के किसानों ने एक रैली निकाली और खेती में पैदावार होने वाली फसल एवं दूध कलेक्टर को ऑफिस के बाहर फेंक दिया.

गुजरात के सूरत शहर में शनिवार को किसानों ने रैली निकाल कर केंद्र सरकार और आरबीआई के उस फैसले का विरोध किया जिसमें डिस्ट्रिक कॉपरेटिव बैंकों से 500 और 1000 रूपये की नोट को बदलने पर लगाई गई रोक को लेकर हंगामा किया. सूरत के जहांगीरपुरा से निकली इस रैली में किसानों ने ट्रकों में गन्ने भरे थे. ट्रेक्टरों में धान के बोरे भरे तो टेम्पो में दूध से भरी कैने भरी हुई थी. केंद्र और आरबीआई के फैसले के खिलाफ रैली निकालने वाले किसान नेता जयेश पटेल का कहना है कि डिस्ट्रिक कॉपरेटिव बैंकों में किसानों के खाते हैं और उन्हीं खातों में सरकार ने नोट बदलने पर रोक लगा रखी है, जिससे किसानों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. अगर सरकार ने आगामी 7 दिन के भीतर किसानो के हित में निर्णय नहीं लिया तो उसके बाद दिल्ली और मुंबई के लोगों को दूध सप्लाई करने वाली अमूल कंपनी को दूध देना बंद कर देंगे.

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सूरत में किसानों की निकली इस रैली में करीबन 150 ट्रेक्टर और 100 ट्रक शामिल हुए थे, जिनमें गन्ना और अनाज भरा हुआ था. कलेक्टर ऑफिस पहुंचने के बाद किसानों ने एक धान से भरे बोरे को वही खोलकर फैला दिया तो गन्ने और दूध को बिखेरकर सरकार के फैसले का विरोध जताया. यूं तो सूरत की ये रैली किसानों के नाम पर किसानों को नोटबंदी से हो रही तकलीफों को लेकर निकाली गई था मगर ताज्जुब की बात ये थी कि रैली का संचालन कांग्रेस के नेता कर रहे थे. यही नहीं कांग्रेस समर्थित किसानों की इस रैली में शामिल होने वाले ज्यादातर लोग भी कांग्रेस के कार्यकर्ता थे. किसानों की रैली में शामिल होने आए सूरत शहर कांग्रेस के अध्यक्ष से हंसमुख देसाई से जब किसानों की रैली को लेकर कांग्रेस के समर्थन की बात पूछी गई तो बगले झांगते नजर आए. जबाब देते हुए उन्होंने कहा कि वो खुद एक किसान हैं और किसान होने के नाते इस रैली में शामिल होने आए हैं.

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सरकारी नोट बंदी से यूं तो देश की जनता काफी परेशान है और इस परेशानी से किसान अछूता नहीं है. सूरत में निकली यह रैली भी किसानों की परेशानी बयां कर रही है. हालांकि रैली में महज कांग्रेसी नेताओं के शामिल होने के चलते विरोध का सुर राजनैतिक होता नजर आया.

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