
रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने रेल भवन से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए तीन-तीन रेल सेवाओं को हरी झंडी दिखाई. इस मौके पर उनके साथ महिला और बाल विकास केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी, रसायन और उर्वरक मंत्री अनंत कुमार और स्वास्थ्य राज्यमंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते भी मौजूद रहे. मोदी सरकार के इन मंत्रियों ने ट्रेन संख्या 56927/ 56928 हुबली-चिकबेनकल-हुबली फास्ट पैसेंजर, पीलीभीत मझौला पकरिया पैसेंजर और जबलपुर शुकरीमंगेला पैसेंजर को घंसोर के लिए हरी झंडी दिखाई.
इस मौके पर महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने कहा पीलीभीत मझौला पकरिया पैसेंजर के लिए पिछले 20 साल से लगातार प्रयास कर रही थीं लेकिन उनको सफलता नहीं मिल रही थी. मोदी सरकार के आने के बाद रेल मंत्री सुरेश प्रभु के बेहतरीन काम की वजह से उनका यह सपना पूरा हो रहा है.
मेनका गांधी ने कहा कि अगले महीने तक उन्हें उम्मीद है पीलीभीत से टनकपुर के बीच बड़ी लाइन का काम पूरा होने के साथ ही ट्रेनों की आवाजाही भी शुरू हो जाएगी. उनके मुताबिक इससे क्षेत्र के लोगों को काफी फायदा पहुंचेगा. रेल मंत्री सुरेश प्रभु के कामकाज की केंद्रीय उर्वरक और रसायन मंत्री अनंत कुमार ने भी तारीफ की उन्होंने कहा कि आज जिस रेलवे लाइन को खोला गया है उसको साकार होने में दो दशक लग गए हैं. केंद्रीय राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने कहा कि उनके इलाके में छोटी लाइन को बड़ी लाइन किए जाने से काफी फायदा पहुंचने की संभावना है और यह सब संभव इसलिए हुआ है क्योंकि नई सरकार में रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने विकास के कामों को जोरदार तरजीह दी है.
रेल मंत्री सुरेश प्रभु इस मौके पर काफी प्रसन्न नजर आए. उन्होंने कहा यह दिन उनके लिए इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि आज 31 मार्च का दिन है जोकि वित्त वर्ष का अंतिम दिन है. उन्होंने कहा कि हमने इस वित्त वर्ष के लिए तय किए गए टारगेट से ज्यादा ही काम करके दिखाया है.
उन्होंने बताया कि वर्ष 2016-17 के दौरान रेलवे ने 2800 किलोमीटर लंबाई के रेल रूट को ब्रॉडगेज बनाने का लक्ष्य रखा था लेकिन रेल मंत्रालय ने लक्ष्य के मुकाबले 2855 किलोमीटर लंबाई के रेल रूट को ब्रॉडगेज बना कर दिखाया. इसी तरह रेलमार्ग के विद्युतीकरण का लक्ष्य वर्ष 2016-17 के लिए 1730 किलोमीटर था लेकिन रेल मंत्रालय ने 2000 किलोमीटर रेल मार्ग को विद्युतीकरण करके दिखाया. रेल मंत्री ने कहा कि हमारा नारा है कि रेल चले देश चले. उनके मुताबिक रेलवे में विकास कार्यों को सबसे ज्यादा तरजीह दी जा रही है क्योंकि इससे देश की तरक्की के रास्ते खुलते हैं.