
देश भर की ट्रेनों में खाने को लेकर आ रही शिकायतों में से 80 फीसदी शिकायतें ओवरचार्जिंग को लेकर हैं. ओवरचार्जिंग को लेकर रेल मंत्रालय काफी गंभीर है. इसी के मद्देनजर रेल मंत्रालय ने निजी कैटरर्स के साथ बैठक की. रेलमंत्री सुरेश प्रभु के साथ रेल बोर्ड के अधिकारियों ने रेलवे में खान-पान का काम देख रही निजी कंपनियों के साथ लंबी बैठक की. रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि ओवरचार्जिंग और खराब खाने के मसले पर दोषी पाई जाने वाली कंपनियों को ब्लैक लिस्ट कर दिया जाएगा.
गोलमेज सम्मेलन का मकसद खाने की क्वालिटी में सुधार
रेलमंत्री ने कहा कि कैटरिंग कपनियों के साथ गोलमेज सम्मेलन बुलाने का मकसद है कि खाने की क्वालिटी सुधरे और लोगों को साफ-सुधरा खाना वाजिब दामों पर मिले. उन्होंने कहा कि क्षेत्र के जानकारों के साथ हम लगातार संपर्क में हैं. कैटरिंग को सुधारने के वास्ते हमने नई कैटरिंग पॉलिसी लागू की है. रेलमंत्री ने कहा कि नई पॉलिसी के तहत हम बेस किचन बनाकर गरमागरम खाना परोसने की योजना बना रहे हैं.
इसके लिए देश भर में मौजूदा बेस किचनों के अलावा और ज्यादा बेस किचन स्थापित किए जाएंगे. बेस किचन स्थापित करने में निजी भागीदारी बढ़ाने पर भी रेलवे विचार कर रही है. उन्होंने कहा कि खाना बनाने वाली कंपनी अलग होगी और खाने को परोसने वाली कंपनी अलग रहेगी. इससे खाने की बेहतर क्वालिटी रेलयात्रियों तक पहुंचाने में खासी मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि नई कैटरिंग नीति को ज्यादा से ज्यादा पारदर्शी रखने पर जोर दिया गया है. इस गोलमेज बैठक से नए विचारों को जगह मिलेगी और नई नीति के बारे में कैटरिंग कंपनियों का संशय दूर होगा.
IRCTC ने भी अपना बिजनेस प्लान साझा किया
कैटरिंग पर रेलवे के गोलमेज सम्मेलन में आईआरसीटीसी ने अपने बिजनेस प्लान को भी शेयर किया. गौरतलब है कि देश में सभी ट्रेनों में कैटरिंग का जिम्मा नई नीति के तहत आईआरसीटीसी को सौंपा गया है. रेलवे बोर्ड के ट्रैफिक मेंबर मुहम्मद जमशेद ने इस बैठक में कहा कि रेलवे का फोकस ई-कैटरिंग पर ज्यादा है और निजी क्षेत्र को इसमें बढ़चढ़ कर भाग लेना चाहिए. भारतीय रेलवे हर दिन 11 लाख लोगों को सफर के दौरान भोजन मुहैया कराती है और इस काम में आईआरसीटीसी के अलावा 85 निजी कंपनियां हाथ बंटाती हैं. हालांकि इस बीच रेलयात्रियों को सबसे ज्यादा परेशानी खराब खाने और ओवरचार्जिंग को लेकर है.
मोदी सरकार ने सोशल मीडिया पर रेलवे की मौजूदगी बढाई है और इसी के साथ ट्विटर और फेसबुक के जरिए लोगों ने रेलमंत्री को खराब कैटरिंग सेवा को लेकर रोजाना हजारों शिकायतें करते हैं. रेलमंत्री ने भी इसके मद्देनजर नई कैटरिंग पॉलिसी का ऐलान किया है. इसके बावजूद शिकायतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस बैठक में रेल मंत्रालय ने निजी कंपनियों को साफ संदेश दिया है कि वो अपने खाने की क्वालिटी सुधारें और ओवरचार्जिंग बंद करें. ऐसा न करने पर वे सरकार और मंत्रालय उनके लाइसेंस रद्द भी कर सकती है.