
आरएसएस के नागपुर में चल रहे संघ शिक्षा वर्ग के समापन समारोह में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को मुख्य अतिथि बनाए जाने से कांग्रेस बैकफुट पर है. अभी भी बहुत से कांग्रेस नेता इसे पचा नहीं पा रहे. हालांकि, कई ऐसे नेताओं को अब इस बात की उम्मीद है कि प्रणब मुखर्जी इस कार्यक्रम में अपने भाषण से संघ वालों को कुछ नसीहत दे जाएंगे.
टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, कांग्रेस प्रवक्ता टॉम वडक्कम ने प्रणब मुखर्जी के नागपुर जाने पर कोई टिप्पणी तो नहीं की, लेकिन उन्होंने कहा, 'कांग्रेस और आरएसएस की विचारधारा में काफी अंतर है.'
पार्टी के एक और प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, 'राष्ट्रपति बनने के बाद ही मुखर्जी ने राजनीति छोड़ दी है. किसी कार्यक्रम में उनके बोलने से उनकी सोच का संकेत नहीं मिलता. वह 50 साल के अपने राजनीतिक करियर में जो कहते या मानते रहे हैं, उससे उनके बारे में कोई राय बनाएं.'
दे सकते हैं 'असल राष्ट्रवाद' की सीख!
मुखर्जी को जानने वाले कई लोगों को लगता है कि वह आरएसएस के कार्यक्रम में जुटे लोगों को 'असल राष्ट्रवाद' का पाठ पढ़ाएंगे. उनकी यह सीख हिंदुत्व खेमे की गैर समावेशी सोच पर चोट जैसी हो सकती है.
हालांकि कई नेता अब भी यह मान रहे हैं प्रणब मुखर्जी का आरएसएस के कार्यक्रम में जाना कांग्रेस और 'सेकुलर' खेमे के लिए नुकसानदेह है. इन नेताओं का कहना है कि 'सेकुलर' पार्टी के पितामह का आरएसएस के मुख्यालय जाने का मतलब उसे एक तरह से मान्यता प्रदान करना है, जो कि अभी तक कांग्रेस के लिए 'अस्पृश्य' रही है और राहुल गांधी हर भाषण में जिस पर हमला करते रहे हैं.
कार्यक्रम में न जाने की प्रणब से मांग
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सी.के. जाफर ने मुखर्जी को एक लेटर लिखकर उनसे यह दौरा रद्द करने की मांग की है. दुख और निराशा जाहिर करते हुए जाफर ने कहा, 'मैं यह समझने में असमर्थ हूं कि इसके लिए क्या मजबूरी है.'