
बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने बिहार के भीतर जारी सियासी खींचतान के बीच तेजस्वी यादव से डिप्टी सीएम पद से इस्तीफा मांगा है. वे कहते हैं कि इस्तीफा न देकर तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री के निर्देश की अवहेलना ही नहीं बल्कि मुख्यमंत्री पद का अपमान भी कर रहे हैं. वे कहते हैं कि मुख्यमंत्री की इच्छा से ही कोई मंत्री पद पर रह सकता है. साढ़े सात साल के एनडीए के कार्यकाल में मुख्यमंत्री के संकेत मात्र पर मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया और किसी को बर्खास्त करने की नौबत नहीं आई.
वे कहते हैं कि सीबीआई ने तेजस्वी यादव के खिलाफ गंभीर आपराधिक षडयंत्र, धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अन्तर्गत मुकदमा दर्ज किया है. तेजस्वी ने डिलाइट मार्केटिंग कम्पनी की 94 करोड़ बाजार मूल्य की सम्पत्ति मात्र 64 लाख रुपये में अपने नाम लिखवा लिए. इनकम टैक्स ने तेजस्वी की डिलाइट मार्केटिंग की 9 परिसम्पतियों के साथ ए के इंफोसिस्टम की 3 और दिल्ली में ए बी एक्सपोर्ट की एक यानी कुल 13 सम्पति को कुर्क किया है.
उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव पर इतने गंभीर आरोप लगे हैं कि अब कई वर्षों तक उन्हें दिल्ली में सीबीआई कोर्ट और इनकम टैक्स ट्रिब्यूनल के चक्कर लगाने पड़ेंगे. इसके बावजूद तेजस्वी यह प्रमाणित नहीं कर पायेंगे कि उनकी ये सारी सम्पति बेनामी नहीं है. वे सवाल करते हैं कि क्या ऐसे व्यक्ति जिसे कोर्ट का चक्कर लगाने से फुर्सत नहीं मिले उसे मंत्री के संवैधानिक पद पर बने रहना चाहिए?
वे कहते हैं कि उनकी पार्टी जदयू द्वारा आरजेडी को दिए गए अल्टीमेटम पर समर्थन दे रही है. वे कहते हैं कि तेजस्वी के पास कोई जवाब नहीं है. ऐसे में अब वे पिछड़ा, नाबालिग और बदले की कार्रवाई का रट लगाए हुए हैं. वे मुख्यमंत्री से तेजस्वी यादव को अविलम्ब बर्खास्त करने की बात कहते हैं.