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रेसलर सुशील कुमार की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट का फैसला 6 जून को

दिल्ली हाई कोर्ट पहलवान सुशील कुमार और नरसिंह यादव के बीच रियो ओलंपिक मे भारत के तरफ से कौन जाएगा इसका फैसला सोमबार 6 जून को सुनाएगा.

पहलवान सुशील कुमार पहलवान सुशील कुमार
मोनिका शर्मा/पूनम शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 02 जून 2016,
  • अपडेटेड 12:10 AM IST

दिल्ली हाई कोर्ट पहलवान सुशील कुमार और नरसिंह यादव के बीच रियो ओलंपिक मे भारत के तरफ से कौन जाएगा इसका फैसला सोमबार 6 जून को सुनाएगा.

गलत जानकारी से नाराज कोर्ट
पिछले 2 हफ्तों तक चली सुनवाई के दौरान इस ट्रायल के दावेदार के तौर पर सुशील कुमार और नरसिंह ने कोर्ट में भी मजबूती के अपना पक्ष रखा. घंटो चली सुनवाई के दौरान कोर्ट रेसलिंग फेडरेशन के वाईस प्रेजिडेंट राज सिंह के हलफनामे में दी गलत जानकारी से नाराज दिखा, जिसमें उन्होंने खुद को मेन कोच ट्रायल से जुड़ी कई गलत जानकारियां दी थी. नाराज कोर्ट ने राज सिंह को नोटिस देकर पूछा है कि क्यों न उनके खिलाफ धारा 340 के तहत कोर्ट को गुमराह करने के लिए कारवाई की जाए. अगर राज सिंह के जवाब से कोर्ट संतुष नहीं हुआ तो उनके खिलाफ कोर्ट की करवाई होना तय है.

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सुशील ने विदेशी खिलाड़ियों के साथ की थी प्रैक्टिस
इसके अलावा कोर्ट की सुनवाई के दौरान ये बात भी सामने आई की जोर्जिया में जाकर भारत सरकार के खर्चे पर गए सुशील ने भारतीय खिलाड़ियों के साथ प्रैक्टिस नहीं की बल्कि जोर्जिया के खिलाड़ियों के साथ प्रैक्टिस की, जो नियमों के खिलाफ है. हाई कोर्ट इस बात से भी नाराज दिखा कि रेसलिंग फेडरेशन और खिलाड़ियों की राजनीति को कोर्ट मे घसीटा जा रहा है जबकि इस वक्त उन्हें अपने खेल पर ध्यान देना चाहिए था.

'सुशील खेले तो भारत के जीतने की संभावना ज्यादा'
सुशील के वकील ने कोर्ट से कहा कि इंटरनेशनल रेसलिंग में सुशील के कामयाब होने के चांस ज्यादा हैं और वो अकेले भारतीय रेसलर हैं, जिन्होंने भारत के लिए गोल्ड मेडल जीता है. उन्होंने कहा कि नरसिंह के पास वो अनुभव नहीं है जो सुशील के पास है. इसलिए अगर रियो ओलंपिक में सुशील को भेजा जाता है तो भारत के जीतने के चांस बढ़ जाएंगे. खिलाड़ियों को जनता के पैसे से खेलने के लिए विदेशों में भेजा जाता है, लिहाज़ा बेहतर खिलाड़ी को भेजा जाना जरुरी है.

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13 महीने पहले कराया गया था ट्रायल
सुशील के वकील ने आगे कहा कि फिलहाल रेसलिंग फेडरेशन के नियमों के हिसाब से भी 1 महीने पहले ट्रायल जरुरी है. ट्रायल 13 महीने पहले कराया गया है, जिसकी कोई वैधता नहीं है. सुशील कुमार को ओलंपिक से दूर कैसे रखा जा सकता है. अगर उन्होंने किसी प्राइवेट चैंपियनशिप में भाग लेने से मना कर दिया है तो ये ओलंपिक में जगह बनाने की शर्त नहीं हो सकती.

फेडरेशन ने कहा- नरसिंह की तैयारी बेहतर
रेसलिंग फेडरेशन ने कहा कि 2015 से सुशील कुमार ने किसी ट्रायल में भाग ही नहीं लिया. सुशील कुमार की तैयारी नरसिंह यादव से बेहतर नहीं है. नरसिंह यादव सितम्बर 2015 से तैयारी कर रहे हैं. अब ये देखना दिलचस्प होगा कि कोर्ट का फैसला सुशील के पक्ष में आएगा या फिर रियो ओलंपिक में नर सिंह को ही भेजा जाएगा.

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