
बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने एक बार फिर आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव पर जमींन घोटाले का नया आरोप लगाया है. लेकिन इस बार मामला ज्यादा गंभीर है. क्योंकि बिहार में सासंदों और विधायकों को कम कीमत पर सरकार घर बनाने के लिए सहकारी समिति के तहत जमींन मुहैया कराती है. इस मामले में सुशील मोदी ने आऱोप लगाया है कि लालू और उनसे जुडे लोगों के पांच प्लांट आबंटित हुए है, जोकि गैरकानूनी है.
उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद यादव को प्लाट नम्बर 208 आबंटित किया गया था लेकिन बाद में प्लाट नम्बर 207 भी उन्ही के नाम लिखा दिया गया. प्लांट नम्बर 209 राबडी देवी ने मंत्री अब्दुलबारी सिद्दीकी से 37 हजार रूपयें में लिखवा लिया. 210 नम्बर का प्लाट सामुदायिक भवन के लिए था लेकिन उसे भी साधु यादव को आवंटित किया गया और प्लांट नम्बर 211 पर प्रेम गुप्ता ने बिना आबंटित के मकान बना लिया है, जोकि गैरकानूनी है.
जबकि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत सैडकों विधायक अभी जमींन मिलने की लाईन में लगे है. सुशील कुमार मोदी से बात की हमारे संवाददाता सुजीत कुमार झा ने मोदी ने नीतीश कुमार से इसकी जांच करने की मांग की है.
वरिष्ठ बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी के ओरापों की लिस्ट लंबी है -
* बिहार सासंद एवं विधान मंडलीय सदस्य सहकारी गृह निर्माण समिति में रेल मंत्री रहते हुए श्री लालू प्रसाद यादव ने एक प्लाट के बावजूद एक और प्लाट लिखवा लिया जो पूरी तरह से अवैध एवं गैर कानूनी हैं.
* लालू प्रसाद ने लाखों की जमीन MLC बनाने के एवज में मात्र 37 हजार रूपयें में बादशाह आजाद से लिखवा लिया.
* श्री लालू प्रसाद का Plot 207, 208, 209, 210, 211 यानि कुल 5 Plot पर व्यवहारिक रूप से कब्जा है.
* सहकारी समिति के Bay Laws में स्पष्ट प्रावधान है कि किसी भी सदस्य को एक से अधिक प्लाट लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
* जब सहकारी समिति के Bay laws में एक ही Plot का प्रावधान है तो फिर रेल मंत्री एवं राबड़ी के मुख्यमंत्री पद का लाभ उठाकर उन्होंने एक और प्लाट 207 मात्र 37 हजार रूपयें में बादशाह आजाद से कैसे लिखवा लिया .
* श्रीमती राबड़ी देवी ने मुख्यमंत्री के प्रभाव का इस्तेमाल कर स्व0 सुधा श्रीवास्तव से Plot No. -151 लिखवा लिया और फिर अब्दुलबारी सिद्दिकी से अदला-बदली के नाम पर Plot No -209 लिखवा लिया.
* लालू के बगल का एक और Plot No-.210 सामुदायिक भवन के लिए खाली रखा गया था उसे भी साधु यादव को दे दिया गया ताकि लालू परिवार लगातार 5 Plot का व्यवहारिक तौर पर इस्तेमाल कर सकें.
* श्री प्रेम चन्द्र गुप्ता MP को भी एक Plot -211 बिना आवंटन के अनुबंध करा दिया गया. इस प्रकार आज लालू प्रसाद का 5 Plot पर व्यवहारिक रूप से कब्जा है.
* लालू जी के करीबी जय प्रकाश यादव ने समिति के अध्यक्ष पद का दुरूपयोग कर एक प्लाट (222) रहते एक और Plot (223) भी लिखवा लिया.
* राज्य सरकार ने खास महल की यह जमीन केवल आवासीय (Residential) इस्तेमाल के लिए दी थी परन्तु लालू प्रसाद सहित अनेक लोग इसका व्यवसायिक इस्तेमाल कर रहें हैं. जो लीज की शर्तो का उल्लंघन है.
* आज इस सरकारी समिति पर 95 प्रतिशत राजद का कब्जा है.
* पटना के जिलाधिकारी ने इस सहकारी समिति की अनियमितता पर एक विस्तृत Report बिहार सरकार को दी है.
* 30 वर्षों की Lease 31 दिसम्बर 2017 में समाप्त हो रहीं है. Lease के Renewal पर राज्य सरकार को निर्णय लेना है.
* श्रीमती कान्ति सिंह, रघुनाथ झा की कड़ी में बादशाह आजाद , स्व0 सुधा श्रीवास्तव एवं अब्दुल बारी सिद्दिकी का भी नाम जुड़ गया है.
* समिति के Bay laws के विपरीत लालू प्रसाद एवं जय प्रकाश यादव को 1-1 अतिरिक्त प्लाट कैसे आवंटित कर दिया गया.
* 1992 में 37 हजार रूपये में सदस्यों को Plot दिया गया. परन्तु 2004-2006 में जब Plot की कीमत 20 लाख थी, तब भी मात्र 37 हजार में कैसे बेच दिया गया.
* यानि MLC बनाने या अन्य मदद के एवज में 37 हजार रूपये में लिखवा लिया गया या बाकी पैसे काला धन के रूप में नगद भुगतान कर दिया गया.
* आवासीय Plot का व्यवसायिक इस्तेमाल कर लालू प्रसाद सहित अनेक लोगों से लाखों रूपये अर्जित राशि को दण्ड सहित वसूला जाए.
* खास महाल नीति 2011 के उल्लंघन की एक विस्तृत Report जो पटना के जिलाधिकारी ने समर्पित की हैं. उसको सार्वजनिक किया जाए.
* गृह निर्माण समिति को निलंबित कर दिया जाए.
* लीज के प्रावधानों एवं सहकारी समिति के नियमों का उल्लंघन के दोषियों का प्लाट रद्द किया जाए.