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सुशील मोदी ने EC से की तेजप्रताप की सदस्यता रद्द करने की मांग

बीजेपी के प्रतिनिधिमंडल ने नसीम जैदी को दिए गए ज्ञापन में कहा है कि तेज प्रताप यादव ने 2010 में औरंगाबाद में 53 लाखों रुपए में खरीदी गई 45 डिसमिल जमीन और उस पर बने लारा डिस्ट्रीब्यूटर की बिल्डिंग जिसमें Hero Honda का शोरुम चल रहा है की जानकारी को अपने शपथ पत्र में जानबूझकर छुपा लिया.

सुशील मोदी सुशील मोदी
रोहित कुमार सिंह/बालकृष्ण
  • पटना,
  • 03 जुलाई 2017,
  • अपडेटेड 9:53 PM IST

बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के नेतृत्व में बीजेपी के एक प्रतिनिधि मंडल ने मंगलवार को मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी से मुलाकात की और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद के बड़े बेटे और स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव के खिलाफ ज्ञापन सौंपा. मुख्य चुनाव आयुक्त को ज्ञापन देकर 2015 के विधानसभा चुनाव में तेज प्रताप यादव द्वारा झूठा शपथ पत्र देने के आरोप में रिप्रजेंटेटिव ऑफ पीपल्स एक्ट की धारा 125A, IPC की धारा 177 और क्रिमिनल प्रोसीजर कोड की धारा 195 के तहत अपराधिक मुकदमा दर्ज करने और संविधान की धारा 324 के तहत उनकी सदस्यता रद्द करने की मांग की.

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बीजेपी के प्रतिनिधिमंडल ने नसीम जैदी को दिए गए ज्ञापन में कहा है कि तेज प्रताप यादव ने 2010 में औरंगाबाद में 53 लाखों रुपए में खरीदी गई 45 डिसमिल जमीन और उस पर बने लारा डिस्ट्रीब्यूटर की बिल्डिंग जिसमें Hero Honda का शोरुम चल रहा है की जानकारी को अपने शपथ पत्र में जानबूझकर छुपा लिया.

ज्ञापन में सुशील मोदी ने कहा कि तेज प्रताप ने इस जमीन की रजिस्ट्री 2010 में 7 अलग-अलग दस्तावेजों के जरिए कराई और इसके लिए आईसीआईसीआई बैंक, नई दिल्ली के चेक से भुगतान किया. मोदी के अनुसार इस जमीन पर 2 करोड़ और 29 लाख रुपए का कर्ज भी लिया है मगर जानबूझकर 2015 में चुनाव आयोग को दाखिल शपथ पत्र में इन सभी तथ्यों को छुपा लिया गया.

गौरतलब है कि शपथ पत्र में तेज प्रताप यादव ने लिखा है, "मैं तेज प्रताप यादव घोषणा करता हूं कि एक शपथ पत्र की विषय वस्तु मेरी सर्वोत्तम जानकारी और विश्वास के अनुसार सत्य और सही है और इसका कोई भाग मिथ्या नहीं है तथा इसमें कोई भी तात्विक तथ्य नहीं छुपाया गया है."

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बीजेपी के ज्ञापन में मांग की गई है कि गलत शपथ पत्र दाखिल करना केवल आपराधिक कृत्य ही नहीं बल्कि भ्रष्ट आचरण भी है और इसके आरोप में चुनाव आयोग संविधान की धारा 324 के तहत अपनी असीमित शक्तियों का उपयोग करते हुए तेज प्रताप यादव की सदस्यता को रद्द करे. झूठा शपथपत्र के आरोप में कानून की विभिन्न धाराओं के तहत 6 माह की सजा या अर्थदंड या दोनों का प्रावधान है.

सुशील मोदी ने कहा कि फिलहाल वह तेजप्रताप के खिलाफ शिकायत दर्ज करने आए हैं लेकिन जल्दी ही लालू यादव के परिवार के दूसरे सदस्यों के खिलाफ भी सबूत के साथ घोटाले का पर्दाफाश करेंगे.

 

आपको बता दें कि आरजेडी और जेडीयू के बीच तनातनी के बीच बीजेपी लगातार लालू यादव और उनके परिवार को निशाना बना रही है. मकसद यह है कि नीतीश कुमार लालू से संबंध तोड़कर बीजेपी के खेमे में आ जाएं. इस बारे में पूछे जाने पर सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार बयान चाहे जो भी देते रहें लेकिन सच्चाई यह है कि उनके और लालू यादव के बीच संबंध लगातार बदतर होते जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह बात साफ है कि गठबंधन 5 साल का अपना कार्यकाल पूरा नहीं करेगा. लेकिन नीतीश के बीजेपी के साथ आने के बारे में पूछे जाने पर सुशील मोदी ने कहा कि यह फैसला नीतीश कुमार को खुद करना है.

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