
बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी कि लिखी किताब 'लालू लीला' का लोकार्पण गुरुवार को पटना में हुआ. यह किताब बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पर लिखी गई है. इसमें लालू यादव के भ्रष्टाचार के कारनामों का उल्लेख है.
प्रभात प्रकाशन द्वारा प्रकाशित इस पुस्तक के लोकार्पण के मौके पर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, राधा मोहन सिंह, गिरिराज सिंह समेत बिहार सरकार के मंत्री श्रवण कुमार, नंद किशोर यादव और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय मौजूद थे. इस किताब में लालू प्रसाद के कारनामों का उल्लेख है कि कैसे छह सेल कम्पनियों का इस्तेमाल कर घोटाला किया गया. किताब में लालू लीला को चित्रों के साथ उल्लेख किया गया है.
'लालू लीला' में लालू प्रसाद यादव के भ्रष्टाचार की कहानी लिखी गई है. जयप्रकाश नारायण ने कांग्रेस के भ्रष्टाचार के खिलाफ संपूर्ण क्रांति का बिगुल फूंका था, लेकिन उनके अनुयायी लालू प्रसाद यादव के भ्रष्टाचार की पोल खोलने के लिए सुशील मोदी ने यह दिन चुना. सुशील मोदी ने अपनी किताब में लिखा कि लालू प्रसाद यादव ने विधायक, पार्षद, सांसद और मंत्री बनाने के एवज में रघुनाथ झा और कांति सिंह जैसे नेताओं से जमीन व मकान दान में लिखवा लिया.
इतना ही नहीं, लालू यादव ने भ्रष्टाचार से कमाए काले धन को सफेद करने के लिए बीपीएल श्रेणी के ललन चौधरी, रेलवे खलासी हदयानंद चौधरी और भूमिहीन प्रभुनाथ यादव, चंद्रकांता देवी और सुभाष चौधरी का सहारा लिया. लालू ने इनको लाभ पहुंचाने के एवज में कीमती जमीन और मकान दान के जरिए हासिल किया. मोदी ने अपनी किताब में लिखा कि लालू परिवार ने अपने रिश्तेदारों को भी बेनामी सम्पत्ति हासिल करने का जरिया बनाया. भाई के समधियाने, अपनी ससुराल, बेटी के ससुराल के रिश्तेदारों के नाम से अपने कालेधन से जमीन व मकान खरीदे और बाद में पत्नी बेटों व बेटियों के नाम गिफ्ट करवा लिए.
सुशील मोदी ने कहा कि ऐसे करीब एक दर्जन मामले उजागर हुए हैं, जिनमें लालू परिवार ने करोड़ों की सम्पति कौड़ियों के दाम पर राजनेताओं, अपने रिश्तेदारों से दान करवा ली. इसके अलावा लालू प्रसाद ने सम्पति हथियाने में आधा दर्जन से ज्यादा मुखौटा कम्पनियों का इस्तेमाल करने में रॉबर्ट वाड्रा को भी मात दे दी. मोदी ने लिखा कि पत्नी, बेटों और बेटियों के लिए ही नहीं, बल्कि आगामी तीन पीढ़ियों के लिए सम्पति बटोरने की हवस का नाम ही लालू प्रसाद यादव है.
लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के बेनामी सम्पति के बारे में सुशील कुमार मोदी ने अप्रैल 2017 से मुहिम शुरू की थी, जिसके तहत IRCTC स्कैम से लेकर जमीन और मकान के बदले मंत्री पद या टिकट देने के मामले उठाए.
इसके बाद इन मामलों में सीबीआई, ईडी और इनकम टैक्स जांच शुरू की. मोदी ने लालू परिवार पर भ्रष्टाचार के इतने आरोप लगाए कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को गठबंधन तोड़ना पडा और इसके बाद वो बीजेपी के साथ आकर बिहार में एनडीए की सरकार चलाने लगे. हालांकि सुशील कुमार मोदी के तमाम आरोपों का लालू परिवार खंडन करता रहा है.
रेलवे के होटल की नीलामी के मामले में जांच चल रही है और मामला अदालत में है. इस मामले में तेजस्वी यादव व राबडी देवी आरोपी हैं और जमानत पर बाहर चल रहे हैं. समारोह को संबोधित करते हुए सुशील मोदी ने कहा कि लालू यादव और उनके परिवार के पास करीब 141 भूखंड के अलावा 30 फ्लैट और आधा दर्जन दुकान हैं.
हालांकि, पिछले एक साल के दौरान करीब आधे से अधिक सम्पत्तियों पर अब किसी न किसी जांच एजेंसी का कब्जा हो चुका है. तेजस्वी यादव के नाम से जहां 52 संपत्तियां हैं वहीं राबड़ी देवी के नाम से 43 भूखंड और 30 से ज्यादा फ्लैट हैं. तेज प्रताप के नाम से 28 और मीसा भारती के नाम से 23 से ज्यादा संपत्तियां हैं. मोदी ने कहा कि लालू यादव को मैं उनकी पत्नी से ज्यादा जानता हूं. पत्नी तो उनके जीवन में बाद में आई लेकिन मैं उन्हें छात्र जीवन से जानता हूं.