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सरकारी बंगलों की अदला-बदली में राजनीति नहीं: सुशील मोदी

बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बिहार के भीतर नेताओं को बंगले आवंटित किए जाने पर कहा है कि बंगला आवंटित करने का निर्णय भवन निर्माण का होता है और सरकारी बंगले में कोई हमेशा नहीं रह सकता है. वे कहते हैं कि उनके और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के बंगले की अदला बदली को राजनैतिक दृष्टि से नहीं देखना चाहिए.

सुशील मोदी सुशील मोदी
सुजीत झा
  • नई दिल्ली,
  • 30 अगस्त 2017,
  • अपडेटेड 7:05 PM IST

बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बिहार के भीतर नेताओं को बंगले आवंटित किए जाने पर कहा है कि बंगला आवंटित करने का निर्णय भवन निर्माण का होता है और सरकारी बंगले में कोई हमेशा नहीं रह सकता है. वे कहते हैं कि उनके और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के बंगले की अदला बदली को राजनैतिक दृष्टि से नहीं देखना चाहिए. भवन निर्माण विभाग ने मंगलवार को अधिसूचना जारी कर आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के दोनों बेटे तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव के बंगले को एक महीने के अंदर खाली करने को कहा है. तेजस्वी यादव को प्रतिपक्ष का नेता होने के नाते उन्हें सुशील कुमार मोदी का बंगला 1 पोलो रोड आवंटित किया गया है. जबकि तेजप्रताप को एमएलए फ्लैट से गुजारा करना होगा.

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भवन निर्माण विभाग द्वारा जारी ताजा अधिसूचना के बाद 5 देशरत्न मार्ग पर स्थित पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का बंगला वर्तमान उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को तथा 3 देशरत्न मार्ग पर स्थित तेजप्रताप का बंगला विधान परिषद के सभापति को आवंटित किया गया है. महागठबंधन सरकार के दौरान इन दोनों भाइयों को आवंटित बंगले बिल्कुल आमने-सामने हैं. खबरों के मुताबिक इन दोनों बंगलों के साज सज्जा में करोडों रूपये पानी की तरह बहाये गए हैं. मोदी ने ये सुनिश्चित किया कि आमतौर पर लोग बंगला खाली करते हैं तो सबकुछ नोचनाच कर ले जाते हैं लेकिन इस बार ऐसा नही होने दिया जाएगा.

सुशील कुमार मोदी ने कहा कि वे 12 साल एक पोलो रोड स्थित बंगले में रहे. वे पहले उपमुख्यमंत्री के नाते और बाद में नेता प्रतिपक्ष विधानमंडल होने के नाते वहां रहे. वहीं तेजस्वी यादव तो केवल विधानसभा मे प्रतिपक्ष के नेता है. लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और पूर्व स्वास्थ्यमंत्री तेजप्रताप यादव का 3 देश रत्न मार्ग वाले बंगले में विधान परिषद के सभापति को आवंटित किया गया है.

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गौरतलब है कि तेजप्रताप यादव ने इस बंगले को सजाने संवारने में काफी मेहनत की थी. वास्तु के मुताबिक के बदलाव भी किए. यहां तक कि प्रवेश द्वार ही बदल डाला गया. हालांकि बाद में उन्होंने पुराने प्रवेश द्वार को ही बरकरार रखा. दोनों भाइयों का बंगला आमने सामने था.

 

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