
स्विस बैंकों में 2018 में भारतीयों के जमा पैसे में 50 फीसदी बढ़ोतरी के मुद्दे के बीच बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि स्विस बैंकों में अप्रवासी भारतीय और विदेशी पासपोर्ट रखने वाले भारतीय मूल के कारोबारियों का भी पैसा जमा होता है. मोदी ने कहा कि भारतीय नागरिक अपना वैध धन भी विदेशी खाते में रखते हैं.
सुशील मोदी ने कहा कि बहुत जल्द कानून में संशोधन किया जाना है जिसके जरिए एक जनवरी 2019 से स्विट्जरलैंड और भारत के बीच बैंकिंग सूचनाएं साझा करने का समझौता लागू हो जाएगा. उन्होंने कहा कि 6 महीने बाद जब पूरी जानकारी स्विस बैंकों से प्राप्त होगी और सार्वजनिक होगी तब काला धन रखने वालों को बख्शा नहीं जाएगा.
सुशील मोदी ने कहा कि स्विजरलैंड से जानकारियों के आदान प्रदान का समझौता होने के बाद काला धन का प्रवाह रोकने में स्विस बैंक से सहयोग लेने का फ्रेम बनाया जा रहा है. केंद्र सरकार का बचाव करते हुए सुशील मोदी ने कहा कि विदेशी बैंकों में जमा पूरी राशि काला धन नहीं है और इसेलेकर असल तथ्य बहुत जल्द सामने आएंगे.
उन्होंने दावा किया कि नरेंद्र मोदी सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति पर अडिग है. बेनामी संपत्ति बनाने वाले लोग स्विस बैंक के आखिरी में नोटबंदी की विफलता को ना ढूंढे.
वित्त मंत्री ने दिया ये तर्क
केंद्रीय वित्त मंत्री पीयूष गोयल को इस बढ़ोतरी पर हैरानी नहीं है. उनका कहना है कि 1.5 करोड़ रुपए देश से बाहर ले जाना वैध है.
गोयल ने कहा, स्विट्जरलैंड से समझौते के तहत हमें 1 जनवरी 2018 से साल के अंत तक की सभी जानकारियां मिल जाएंगी. ऐसे में पहले से ही इसे ब्लैकमनी कहना गलत है. उन्होंने आगे कहा, इस पर सरकार की निगाहें हैं और अगर यह ब्लैकमनी पाया जाता है तो उचित कार्रवाई की जाएगी.