
गुरुवार को राज्यसभा में विदेश नीति पर चर्चा हुई. चर्चा की शुरुआत में विपक्षी सदस्यों ने मोदी सरकार की विदेश नीति की आलोचना की. इसके बाद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सदन में विपक्ष के सवालों का सिलसिलेवार तरीके से जवाब दिया. सुषमा ने न सिर्फ विपक्ष पर तीखा हमला किया बल्कि पड़ोसी देशों से लेकर अमेरिका और फिलीस्तीन तक अपनी नीति को सदन के सामने स्पष्ट कर दिया. इस दौरान सुषमा में कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर बात रखी, जो आपके लिए जानना जरूरी है.
आतंक खत्म करने पर पाकिस्तान से रिश्तों में सुधार
सुषमा स्वराज ने सदन को बताया कि पाकिस्तान समेत दूसरे पड़ोसी मुल्कों को लेकर हमारी सरकार ने शपथग्रहण समारोह से ही नीति स्पष्ट कर दी थी. मोदी ने शपथग्रहण समारोह में पाकिस्तान के पीएम को आमंत्रित किया. इसके बाद भारत ने हमेशा दोस्ती का हाथ बढ़ाया. नवाज शरीफ के जन्मदिन पर प्रधानमंत्री मोदी प्रोटोकॉल तोड़कर बधाई देने पहुंच गए. सुषमा ने कहा ये हमारे संबंध की मजबूती का नजीर था. इसके आगे सुषमा ने कहा कि कश्मीर में जब आतंकी बुरहान वानी का एनकाउंटर किया गया. नवाज शरीफ ने उसे शहादत बताया. सुषमा ने कहा कि इसके बाद दोनों देशों के बीच हालात बिगड़े. भविष्ट की नीति को स्पष्ट करते हुए सुषमा स्वराज ने बताया कि जिस दिन आतंक खत्म हो जाएगा, हमारी दोस्ती सुधर जाएगी.
पीएम के साथ नहीं जाते विदेश मंत्री
सुषमा स्वराज ने विदेश दौरों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ न जाने के सवाल पर भी जवाब दिया. उन्होंने इसका जवाब देते हुए पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को संबोधित करते हुए कहा कि आप जब पीएम थे, तब कितनी बार सलमान खुर्शीद और एमएम कृष्णा को विदेशी दौरों पर साथ ले गए थे. सुषमा ने कहा कि पिछली सरकार की विदेश नीति MEA नहीं, PMO चलाता था. जबकि पीएम मोदी विदेश नीति पर हमेशा मुझसे मशविरा करते हैं.
ट्रंप को चेतावनी देने का माद्दा
सुषमा स्वराज ने जलवायु परिवर्तन पर पीएम मोदी के रुख का भी उदाहरण दिया. उन्होंने कहा कि पेरिस जलवायु समझौते से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाथ खींच लिए और कहा कि इससे भारत को अरबों डॉलर मिलेंगे. सुषमा ने कहा ''पीएम मोदी ने साफ कर दिया कि हम पैसों के लिए नहीं, अपनी प्रतिबद्धताओं के लिए जलवायु समझौते के साथ हैं. सुषमा ने कहा कि मोदी ने ट्रंप के सामने उन्हें चेतावनी दी, क्योंकि उनके अंदर इतना माद्दा है. सुषमा ने कहा कि मोदी ग्लोबल एजेंडा तय करने वाले पीएम हैं.
सामरिक नहीं, आर्थिक क्षमता से चलता है देश
सुषमा स्वराज ने युद्ध जैसे हालात के लिए क्षमता बढ़ाने के बजाय आर्थिक तरक्की पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि मौजूदा वक्त में देश सामरिक क्षमता से नहीं, आर्थिक क्षमता से चलता है, इसलिए इसे बढ़ाने की जरूरत है. सुषमा ने ये भी कहा कि युद्ध किसी समस्या का समाधान नहीं है. युद्ध के बाद भी बातचीत करनी पड़ती है. उन्होंने कहा कि डोकलाम पर हम कोई समझौता नहीं कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि हम चीन के साथ द्विपक्षीय रिश्तों की चर्चा कर रहे हैं. डोकलाम अकेला मामला नहीं है. हालांकि, उन्होंने सपा सांसद रामगोपाल यादव के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि युद्ध की तैयारी है, तभी तो सेना है. दरअसल, रामगोपाल ने कहा था कि युद्द की तैयारी रखनी चाहिए.
फिलीस्तीन पर हमारा रुख नहीं बदला
सुषमा स्वराज ने पीएम मोदी की इजरायल यात्रा को लेकर विपक्ष के सवालों पर भी जवाब दिया. उन्होंने कहा ''फिलिस्तीन भारत के कदम को बड़े सकारात्मक रूप से ले रहा है. फिलिस्तीन ने कहा है कि आपके इजरायल से अच्छे संबंध हैं, आप हमारे संबंध भी इजरायल से ठीक कीजिए.'' सुषमा ने कहा कि इजरायल भारत का दोस्त है, मगर हम फिलीस्तीन को भी नहीं भूलेंगे.