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आतंकवाद को किसी धर्म से नहीं जोड़ा जा सकता, ना ही जोड़ा जाना चाहिए: सुषमा

चीन के प्रभुत्व वाले सुरक्षा समूह 'शंघाई सहयोग संगठन' (एससीओ) के सम्मेलन में भाग लेने यहां आईं सुषमा ने कहा कि भारत आतंकवाद के सभी प्रकारों की कड़ी निंदा करता है.

SCO समिट के दौरान सुषमा स्वराज SCO समिट के दौरान सुषमा स्वराज
जावेद अख़्तर/BHASHA
  • सोची, रूस,
  • 02 दिसंबर 2017,
  • अपडेटेड 1:02 PM IST

आतंकवाद और धर्म को लेकर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बड़ा बयान दिया है. रूस में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि आतंकवाद को किसी धर्म से नहीं जोड़ा जा सकता और ना ही जोड़ा जाना चाहिए.

रूस के सोची में उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इस समस्या से लड़ने के लिए सहयोग बढ़ाने का आग्रह करते हुए कहा कि यह पूरी मानवता के खिलाफ अपराध है.

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चीन के प्रभुत्व वाले सुरक्षा समूह 'शंघाई सहयोग संगठन' (एससीओ) के सम्मेलन में भाग लेने यहां आईं सुषमा ने कहा कि भारत आतंकवाद के सभी प्रकारों की कड़ी निंदा करता है.

सुषमा ने कहा, 'SCO का पूर्ण सदस्य बनने पर पाकिस्तान को मेरी ओर से बधाई.' उन्होंने कहा, 'इस बैठक का भारत के लिए विशेष महत्व है क्योंकि भारत के एससीओ का पूर्ण सदस्य बनने के बाद यह परिषद की पहली बैठक है. इसके साथ यह भी मायने रखता है कि हमारे पुराने और सबसे विश्वस्त सहयोगी मित्र रूस द्वारा इसकी मेजबानी की जा रही है.'

पहली बार स्थाई सदस्य के रूप में एससीओ सम्मेलन में भारत भाग ले रहा है. इस दौरान सम्मेलन में शामिल होने पहुंची सुषमा स्वराज ने कहा, 'मैं इस बैठक की सफलता के लिए हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से बधाई और शुभकामनाएं प्रेषित करती हूं.' सुषमा ने कहा कि किसी भी तरह के आतंकवाद को जायज नहीं ठहराया जा सकता.

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उन्होंने कहा, 'हम व्यापक, सहयोगात्मक और सतत सुरक्षा के लिहाज से एससीओ की रूपरेखा के तहत सहयोग को सतत मजबूत करने के लिए और साथ में काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.' सुषमा ने एससीओ के सदस्य देशों की सरकारों के प्रमुखों की परिषद की 16वीं बैठक को संबोधित करते हुए कहा, 'हमें दोहराना होगा कि आतंकवाद को किसी धर्म, राष्ट्रीयता, सभ्यता या जातीय समूह के साथ नहीं जोड़ा जा सकता और ना ही जोड़ा जाना चाहिए. यह पूरी मानवता के खिलाफ अपराध है.'

उन्होंने कहा कि भारत सभी देशों से अनुरोध करता है कि आतंकवाद से लड़ने के लिए खुफिया सूचना साझा करने, कानून प्रवर्तन, सर्वश्रेष्ठ तरीकों और प्रौद्योगिकियों के विकास, परस्पर कानूनी सहायता, प्रत्यर्पण बंदोबस्तों में सहयोग बढ़ाया जाए. मंत्री ने कहा कि एससीओ के देशों के साथ संपर्क भारत की प्राथमिकता है.

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