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सरकार का प्रमुख एजेंडा है 'कारोबार' : सुषमा स्वराज

भारत में अपार संभावनाओं का हवाला देते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अमेरिकी उद्योग जगत से मंगलवार को कहा कि वे सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों में निवेश करें जिससे दोनों देशों को फायदा हो.

स्वराज ने भारत में अमेरिकी उद्योगपतियों को किया आमंत्रित स्वराज ने भारत में अमेरिकी उद्योगपतियों को किया आमंत्रित
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 22 सितंबर 2015,
  • अपडेटेड 1:33 PM IST

भारत में अपार संभावनाओं का हवाला देते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अमेरिकी उद्योग जगत से मंगलवार को कहा कि वे सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों में निवेश करें जिससे दोनों देशों को फायदा हो. अमेरिका भारत व्यापार परिषद (यूएसआईबीसी) की 40वीं वषर्गांठ के मौके पर आयोजित समरोह में स्वराज ने अपने भाषण में कहा कि अमेरिकी उद्योग अपने कारोबारी फैसले करने के लिए सबसे अनुकूल स्थिति में है.

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30 करोड़ युवाओं को कौशल देने पर ध्यान
उन्होंने कहा ‘यदि मैं भारत के आर्थिक लक्ष्य और दोनों देशों के लिए आर्थिक अवसर के आकार को रेखांकित करूं तो इससे मदद मिलेगी.’ उन्होंने अमेरिका के शीर्ष उद्योगपतियों को संबोधित करते हुए कहा कि अब 100 स्मार्ट सिटी बनाने, गंगा नदी के निर्मल और अविरल बनाने, इसके तट पर शहरों के विकास और 2022 तक 30 करोड़ युवाओं को कौशल प्रदान करने पर ध्यान दिया जाएगा.

सरकार का प्रमुख एजेंडा है 'कारोबार'
स्वराज ने कहा ‘भारत की मौजूदा सरकार की कूटनीति का प्रमुख एजेंडा है, कारोबार. पहले दिन से ही सरकार की प्राथमिकता रही है भारत में और भारत के साथ कारोबार सुगम बनाना.’ उन्होंने कहा ‘शहरीकरण को प्रोत्साहित करने की हमारी योजना है और हम सभी के लिए सस्ती बिजली और सस्ता घर मुहैया कराने के लिए दृढ़ हैं.

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योजनाएं दोनों देशों की भागीदारी का एक अवसर
स्वराज ने कहा किसी भी तरह की योजनाएं अमेरिकी उद्योग के लिए सही मायने में वाणिज्यिक और कारोबारी अवसर प्रदान करती हैं ताकि दोनों देशों के फायदे के लिए भारतीय सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्रों और एक वृहत्तर अर्थव्यवस्था के साथ भागीदारी की जा सके. उन्होंने कहा ‘ऐसा करते हुए, जैसा आपका लक्ष्य है, आप अपने संगठन के लिए धन सृजन भी कर सकेंगे.’

एक साल में FDI बढ़ा
उन्होंने कहा ‘हम दोनों देशों के बीच व्यापार को सिर्फ कारोबार की तरह नहीं बल्कि बेहद महत्वपूर्ण रणनीतिक मेल की अभिव्यक्ति और इसके गुणक के तौर पर देखते हैं. हमें उम्मीद है कि उद्योग इसके अनुकूल पहल करेगा.’ साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार के फैसलों से पिछले एक साल में भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश बढ़ा.

 

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