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रिकॉर्डधारी हैं सुषमा के पति स्वराज कौशल, जानिए उनके बारे में 8 बातें

मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपी और पूर्व आईपीएल कमिश्नर ललित मोदी के विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और उनके परिवार से करीबी संबंध किसी से छिपे नहीं रहे. खुद ललित मोदी ने एक ताजा इंटरव्यू में यह बात मानी है.

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aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 18 जून 2015,
  • अपडेटेड 1:16 PM IST

मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपी और पूर्व आईपीएल कमिश्नर ललित मोदी के विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और उनके परिवार से करीबी संबंध किसी से छिपे नहीं रहे. खुद ललित मोदी ने एक ताजा इंटरव्यू में यह बात मानी है.

इस पूरे मामले में सुषमा के वकील पति स्वराज कौशल का कोण इसलिए भी अहम है क्योंकि वह दो दशकों से ज्यादा समय तक ललित मोदी को कानूनी मदद देते रहे हैं. क्या आपको पता है कि सुषमा के पति स्वराज कौशल भारत के सबसे युवा गवर्नर रहे हैं. जानिए उनके बारे में 8 खास बातें:

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1. 62 साल के स्वराज सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ वकील हैं. हाल ही में एक इंटरव्यू में उन्होंने माना कि वह 22 साल तक ललित मोदी को कानूनी मदद दे चुके हैं. साथ ही, 2010 में आईपीएल सीजन के दौरान उन्हें ललित मोदी की ओर से मुंबई के फोर सीजन्स होटल में ठहराया गया था. यह वही होटल है जिसके मेहमानों की लिस्ट सामने आने के बाद बीसीसीआई में बड़ा राजनीतिक भूचाल आ गया था. बिल के भुगतान को लेकर ललित मोदी और बीसीसआई आमने-सामने आ गए थे.

2. स्वराज कौशल के नाम भारत का सबसे युवा राज्यपाल बनने का रिकॉर्ड भी है. साल 1990 में महज 37 साल की उम्र में उन्हें मिजोरम का राज्यपाल बनाया गया था. वह 9 फरवरी 1993 तक राज्यपाल रहे. याद रहे कि उनकी पत्नी सुषमा स्वराज के नाम देश की सबसे युवा कैबिनेट मंत्री बनने का रिकॉर्ड है.

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3. इमरजेंसी के दौरान जब सीबीआई ने जनता दल नेता जॉर्ज फर्नांडीज समेत 24 लोगों के खिलाफ बड़ौदा में डायनामाइट तस्करी के फर्जी आरोप लगाए, तो कोर्ट में फर्नांडीज की पैरवी स्वराज कौशल ने ही की थी.

4. स्वराज कौशल भारत में नॉर्थ ईस्ट मामलों और वहां हुए विद्रोह के अच्छे जानकार माने जाते हैं. 1979 में उन्होंने ही अंडरग्राउंड मिजो लीडर लालडेंगा की रिहाई मुमकिन कराई थी. इसके बाद सरकार से समझौता वार्ता के लिए वह अंडरग्राउंड मिजो नेशनल फ्रंट के संवैधानिक सलाहकार बनाए गए. कई राउंड की बातचीत के बाद मिजोरम शांति समझौता अस्तित्व में आया और 20 साल से चले आ रहे विद्रोह का अंत हुआ. इसी के इनाम के तौर पर उन्हें प्रदेश का गवर्नर बनाया गया.

5. 1998-2004 के दौरान वह हरियाणा से राज्यसभा सांसद भी रहे. 1998-99 में सुषमा लोकसभा में थीं और स्वराज राज्यसभा में थे. साल 2000 से 2004 तक दोनों राज्यसभा सांसद थे. भारत के संसदीय इतिहास में ऐसे उदाहरण बहुत कम हैं जब पति और पत्नी दोनों संसद सदस्य रहे हों.

6. 20 दिसंबर 1986 को सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें सीनियर एडवोकेट का पद दिया. एक साल बाद ही उन्हें एडवोकेट जनरल बना दिया गया.

7. कौशल समाजवादी कैंप से जुड़े थे. उन्होंने एबीवीपी की कार्यकर्ता रहीं और आरएसएस कार्यकर्ता की बेटी सुषमा से 13 जुलाई 1975 को शादी की. उनकी एक बेटी है- बांसुरी स्वराज, जो ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट हैं और पेशे से बैरिस्टर हैं. बांसुरी बतौर क्रिमिनल लॉयर दिल्ली हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस भी करती हैं.

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8. बाद के दिनों में स्वराज कौशल लो-प्रोफाइल ही ज्यादा रहे. लेकिन राजनीतिक हलकों में वह ऐसे शख्स के तौर पर जाने जाते हैं, जिसे दोस्त माना जा सकता है और अमीर और ताकतवर लोगों से भी उनके जुड़ाव हैं. बीजेपी नेताओं के बीच उनका ज्यादा उठना-बैठना नहीं है. बीजेपी नेताओं में उनके सिर्फ सुधांशु मित्तल से ही संबंध बताए जाते हैं.

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