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अपनी जिंदगी खूबसूरती के साथ जीना चाहती हैं सुष्मिता

सुष्मिता सेन शब्‍द अगर शब्‍दकोष में होता तो उसका मतलब निश्चित तौर पर आत्‍मविश्‍वासी और निडर होता. सुष्मिता की बातचीत और बॉडी लैंग्‍वेज में अलग ही आत्‍मविश्‍वास झलकता है.

सुष्मिता सेन सुष्मिता सेन
आजतक वेब ब्‍यूरो
  • नई दिल्‍ली,
  • 20 अक्टूबर 2012,
  • अपडेटेड 4:12 PM IST

सुष्मिता सेन शब्‍द अगर शब्‍दकोष में होता तो उसका मतलब निश्चित तौर पर आत्‍मविश्‍वासी और निडर होता. सुष्मिता की बातचीत और बॉडी लैंग्‍वेज में अलग ही आत्‍मविश्‍वास झलकता है. सुष्मिता इन दिनों बहुत व्‍यस्‍त चल रही है और ये व्‍यस्‍तता काम के साथ ही परिवार भी है.

सुष्मिता अपने काम, 'आई एम शी' मिस यूनिवर्स ब्‍यूटी पैजेंट और अपनी दोनों बेटियों के साथ बहुत व्‍यस्‍त हैं. सुष्मिता कहती हैं, 'मै स्प्लिट पर्सानालिटी हो गई हूं, गंभीर विषयों पर ध्‍यान देने के अलावा मेरे लिए दौड़-धूप भी बहुत बढ़ गई है. मै बंदर के समान इधर से उधर घूमती रहती हूं.' वो कहती हैं हैं, 'सिंगर मदर होना एक चुनौती है, यह बहुत आसान नहीं है लेकिन आप बहुत कुछ सीखते हैं और अपने माता-पिता की अहमियत को और अधिक समझते हैं.

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अभी सुष्मिता कहां व्‍यस्‍त है के सवाल में वो जवाब देती हैं, 'मै आई एम शी को लेकर बहुत ज्‍यादा व्‍यस्‍त हूं, उसका बजट, आगे क्‍या करना है, कौन से कार्यक्रम रहेंगे, क्‍या काम हो गए हैं, क्‍या रह गए हैं जैसे ढेरों लिस्‍ट तैयार है. मै और मेरी मैनेजर नीलम इन्‍हीं कामों को देखने में व्‍यस्‍त हैं.'

'आई एम शी' ब्‍यूटी पैजेंट सुष्मिता की प्राथमिकता है. सुष्मिता कहती हैं, 'ब्‍यूटी पैजेंट को लेकर लोगों की अलग धारणाएं हैं लेकिन इसी ब्‍यूटी पैजेंट की वजह से मेरी जिंदगी बदली है और मै वही मौका दूसरी महिलाओं को भी देना चाहती हूं. इस पैजेंट विजेता न केवल अंतरराष्‍ट्रीय मंच पर भारत का प्रतिनिधित्‍व करेंगे जो कि एक सम्‍मान की बात है बल्कि अपने सपनों को पूरा करने की ओर भी अपना कदम बढ़ाएंगी. इनका उद्देश्‍य बॉलीवुड में हीरोइन बनना नहीं है. ये गंभीर मकसद को लेकर आगे बढ़ रही हैं और जब ये पैजेंट जीतेंगी ये न्‍यूयॉर्क फिल्‍म अकादमी और मैरागोनी फैशन इंस्‍टीट्यूट से कोई कोर्स कर सकती हैं.'

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सुष्मिता का सपना एक मॉडल या अभिनेत्री बनना नहीं था. ये योजना सुष्मिता ने आखिर के लिए रखी थी. इसलिए जब एक नाइट क्‍लब में मिस इंडिया के आयोजक सुष्मिता से मिले और उन्‍हें इसमें हिस्‍सा लेने के लिए कहा तो सुष्मिता को लगा कि वो लोग मजाक कर रहे हैं. सुष्मिता ने बताया कि उन्‍हें यकीन ही नहीं हुआ और जब उन्‍होंने प्रतियोगिता में भाग लिया और मिस यूनिवर्स का ताज जीता तो वह हैरान थी और समझ नहीं पा रही थी कि यह कितनी बड़ी बात है. उन्‍होंने आगे बताया कि खिताब जीतने पर भारतीय प्रधानमंत्री ने उन्‍हें मुबारकबाद देने के लिए फोन किया तो सुष्मिता ने उन्‍हें फोन होल्‍ड करने के लिए कहकर अपने पिताजी के साथ बात पूरी कि, तब उनके पिता ने उन्‍हें कहा कि 'जल्‍दी उनसे बात करो पहले, ये बहुत सम्‍मान की बात है.'

बॉलीवुड ने भी सुष्मिता के जीत के साथ ही उनका पीछा शुरू कर दिया. सुष्मिता के पास बॉलीवुड से सबसे पहला फोन महेश भट्ट के ऑफिस से पहुंचा. उसके बाद सुष्मिता ने 'दस्‍तक', 'बीवी नं.1', 'आंखें' और 'मै हूं ना' जैसी फिल्‍में की और कई अवॉर्ड भी जीते. इसके बाद से सुष्मिता कम फिल्‍में करने लगीं. सुष्मिता से पूछने पर कि क्‍या वो बॉलीवुड और फिल्‍मों की कमी महसूस करती हैं? सुष्मिता कहती हैं, 'बिल्‍कुल नहीं, अगर मुझे फिल्‍मों की कमी महसूस होती तो मै फिल्‍में करती. मै मेरे जीवन में किसी बात का अफसोस नहीं करती हूं. लेकिन अगले वर्ष कुछ रोचक स्क्रिप्‍ट के साथ मै फिल्‍मों में नजर आउंगी. मै अपनी जिंदगी को खूबसूरती से जीना चाहती हूं.

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