
दिल्ली में गंदगी से निपटने के लिए जिस स्वच्छ दिल्ली मोबाइल एप्लीकेशन को लॉन्च किया गया था, वो अब केंद्र और राज्य सरकार के झगड़े का शिकार हो चुकी है. स्वच्छ दिल्ली एप्लीकेशन की शुरुआत करते वक्त मोदी सरकार और केजरीवाल सरकार ने साथ मिलकर काम करने का दावा भी किया था.
आम आदमी पार्टी के विधायकों और दिल्ली सरकार के खिलाफ होने वाली किसी भी कार्रवाई के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल केंद्र सरकार को निशाना बनाते आए हैं. लेकिन वेंकैया नायडू एक ऐसे केंद्रीय मंत्री हैं जिनकी केजरीवाल दिल खोलकर तारीफ करते थे. यही वजह थी कि दिल्ली को साफ सुथरा बनाने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडु और एमसीडी के तमाम मेयर ने एक मंच से 'स्वच्छ दिल्ली' मोबाइल एप्लीकेशन की शुरुआत की थी.
'स्वच्छ दिल्ली' मोबाइल एप्लीकेशन हुई बंद
इस एप्लीकेशन के जरिए मलवा या कूड़े की तस्वीर खींचकर अपलोड करने के बाद सफाई की जिम्मेदारी दिल्ली सरकार या एमसीडी की होती थी. सफाई होने के बाद बाकायदा दिल्लीवालों को एक अलर्ट भी भेजा जाता था
लेकिन धीरे-धीरे यह एप्लीकेशन ठप होती चली गई और केजरीवाल सरकार ने इसे आधिकारिक तौर पर बंद कर दिया. न कूड़ा साफ हुआ न मालवा.
दिल्ली सरकार ने एमसीडी को ठहराया जिम्मेदार
दिल्ली सरकार में मंत्री सत्येन्द्र जैन से जब 'स्वच्छ दिल्ली ' एप्लीकेशन को बंद करने पर सवाल पूछा तो जवाब में मंत्री ने एमसीडी के सहयोग न करने का आरोप लगाया. सत्येन्द्र जैन ने कहा कि 'सफाई करने की
जिम्मेदारी एमसीडी की है इसके बावजूद दिल्ली सरकार ने मिलकर काम करने की कोशिश की थी. हजारों ट्रक कूड़ा हमने हटाया जो हमारा काम नहीं था. एमसीडी की तरफ से कोई सहयोग नहीं मिला.' जाहिर है मुहिम
साथ मिलकर काम करने की थी लेकिन अब सत्येन्द्र जैन अपने इस फेलियर का बचाव करते हुए एमसीडी की जिम्मदरियां गिना रहे हैं. जैन ने कहा कि 'सबका काम फिक्स है. दिल्ली में 80 हजार कर्मचारियों की
जिम्मेदारी सफाई करना है. इसके अलावा हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का ठेका कूड़ा उठाने का दिया गया है. अगर वो ठेकेदार कूड़ा नहीं उठा रहा है तक एमसीडी उसे रुपये क्यों दे रही है.'
राजनीति का शिकार हुई दिल्ली
हैरानी की बात है कि स्वच्छ भारत अभियान जैसी मुहिम राजनीति का शिकार होती नजर आई. नतीजा ये हुआ कि देश की राजधानी डेंगू और चिकनगुनिया के प्रकोप से इसलिए जूझती रही क्योंकि सही वक्त पर
रोकथाम के कदम नहीं उठाए गए. अब वही हाल शहर में फैल रहे कूड़े को लेकर है. जिसका अंजाम ये रहा कि दिल्लीवालों का खतरनाक बीमारीयों के साथ-साथ कूड़े के ढेर से भी हाल बेहाल है.