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झारखंड में स्वामी अग्निवेश पर हमले की निंदा, हमलावरों को जल्द पकड़ने की मांग

झारखंड के पाकुड़ जिले में सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश के साथ कथित तौर पर बीजेपी, भारतीय जनता युवा मोर्चा और एबीवीपी के सौ से अधिक कार्यकर्ताओं ने मारपीट की और उनके कपड़े फाड़ दिए. अग्निवेश के साथ माीरपीट की घटना की राजनीतिक हलकों में कड़ी निंदा की गई है. राज्य के सीएम ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं.

झारखंड में स्वामी अग्निवेश के साथ हुई मारपीट झारखंड में स्वामी अग्निवेश के साथ हुई मारपीट
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 17 जुलाई 2018,
  • अपडेटेड 11:52 PM IST

झारखंड के पाकुड़ जिले में सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश के साथ कथित तौर पर बीजेपी, भारतीय जनता युवा मोर्चा और एबीवीपी के सौ से अधिक कार्यकर्ताओं ने मारपीट की और उनके कपड़े फाड़ दिए. अग्निवेश के साथ माीरपीट की घटना की राजनीतिक हलकों में कड़ी निंदा की गई है. राज्य के सीएम ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं.

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राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मामले की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं. उन्होंने इस हमले पर चिंता व्यक्त करते हुए इसकी जांच संथाल परगना के मंडलायुक्त और पुलिस उपमहानिरीक्षक से कराने के निर्देश दिए.

केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा ने मारपीट की घटना की आलोचना करते हुए कहा कि लोकतांत्रिक देश में कानून का शासन सर्वोपरि है. किसी तरह का गैरकानूनी हरकतें जो किसी नागरिक के अधिकारों का उल्लंघन करता है तो दंडित किया जाना चाहिए. सीपीआईएम ने भी इस घटना की आलोचना की और हमलावरों की जल्द गिरफ्तारी की मांग की.

बीजेपी के झारखंड प्रदेश महासचिव और प्रदेश मुख्यालय प्रभारी दीपक प्रकाश ने इस घटना पर कहा, 'लोकतंत्र में हिंसा का कोई स्थान नहीं है. पार्टी अग्निवेश के साथ मारपीट की घटना की गंभीरता से जांच कर रही है. बीजेपी या उससे जुड़े संगठनों के कार्यकर्ता इस तरह की हिंसा नहीं कर सकते हैं.' हालांकि उन्होंने यह भी सलाह दी कि वह दूसरे की धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ करना बंद करें.

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बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने घटना की आलोचना की और ट्वीट करते हुए कहा कि बीजेपी शासित राज्यों में बीजेपी के गुंडों ने स्वामी अग्निवेश पर कातिलाना हमला किया. इन राज्यों में बीजेपी गुंडों को कानून का कोई खौफ नहीं है. दोषियों को सजा मिलनी चाहिए. साथ ही बीजेपी को इस शर्मनाक घटना पर माफी मांगनी चाहिए.

 पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव ने भी इस घटना की निंदा की और कहा कि लोकतंत्र में ऐसी घटनाएं बर्दाश्त नहीं की जाएगी. दोषियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए.

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