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शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती बोले- हनीमून कपल्स की वजह से केदारनाथ में आई थी भयंकर बाढ़

शंकराचार्य ने 2013 में केदारनाथ में आई बाढ़ के लिए वहां हनीमून पर जाने वाले कपल्स और पिकनिक पर जाने वाले लोगों को जिम्मेदार ठहराया है. इस भयानक प्रलय में 5 हजार से ज्यादा श्रद्धालुओं की मौत हुई थी.

शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती
लव रघुवंशी
  • नई दिल्ली,
  • 13 अप्रैल 2016,
  • अपडेटेड 1:45 PM IST

द्वारका-शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है. स्वामी स्वरूपानंद के निशाने पर इस बार हनीमून कपल्स और पिकनिक पर जाने वाले लोग हैं.

हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक, शंकराचार्य ने 2013 में केदारनाथ में आई बाढ़ के लिए वहां हनीमून पर जाने वाले कपल्स और पिकनिक पर जाने वाले लोगों को जिम्मेदार ठहराया है. इस भयानक प्रलय में 5 हजार से ज्यादा श्रद्धालुओं की मौत हुई थी.

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पवित्र स्थानों पर अपवित्र गतिविधि रोकनी होंगी
उन्होंने चेतावनी दी कि पवित्र हिन्दू स्थानों के 'पर्यावरण प्रदूषण' की प्रवृत्ति एक और आपदा ला सकती है. देश के विभिन्न हिस्सों से लोग मजे के लिए, पिकनिक मनाने के लिए और हनीमून के लिए पवित्र देवभूमि (उत्तराखंड) में आते हैं, ये केदारनाथ आपदा के लिए जिम्मेदार हैं. ऐसे ही और भी हादसे होंगे अगर अपवित्र गतिविधियों बंद नहीं की गई.

'शनि की पूजा बंद करने पर रुकेंगे महिलाओं पर अत्याचार'
उन्होंने महाराष्ट्र के शनि शिंगणापुर में महिलाओं को प्रवेश मिलने पर भी सवाल उठाया. उन्होंने कहा, 'जिस तरह से महिलाओं पर अत्याचार हो रहे हैं वो तब तक नहीं रुकेंगे जब तक महिलाएं शनि की पूजा करना बंद नहीं करेंगी. महिलाओं के मंदिर में प्रवेश से उनके प्रति होने वाले अपराध बढ़ेंगे. महिलाओं के साथ रेप जैसी घटनाएं अधिक होंगी.' उन्होंने कहा कि शनि भगवान नहीं एक गृह हैं और गृह की शांति होती है पूजा नहीं की जाती.

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नायडू ने जताई असहमति
केंद्रीय मंत्री एम वेंकैया नायडू ने शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती की टिप्पणी से ‘असहमती’ जताई. नायडू ने ट्विटर पर लिखा, ‘मैं स्वामी स्वरूपानंद जी के उन विचारों से असहमत हूं कि शनि शिंगणापुर मंदिर में महिलाओं का प्रवेश उनके लिए अशुभ होगा और उनके साथ होने वाले अपराध बढ़ जाएंगे और शिरडी के साईं बाबा की पूजा के कारण महाराष्ट्र में सूखे की स्थिति पैदा हुई है.’

शंकराचार्य ने महाराष्ट्र और अन्य जगहों पर सूखे के लिए साईं की पूजा को जिम्मेदार ठहराया था.

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